चंडीगढ़। मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी को कोर्ट से राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत खत्म होने पर भूपिंदर सिंह हनी के केस की सुनवाई की. हनी की ज्यूडिशियल कस्टडी 4 मई तक बढ़ा दी गई है. कोर्ट में बुधवार को भूपिंदर सिंह हनी की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई. कोर्ट में पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई का समय पहले सुबह रखा था, फिर उसे बदलकर दोपहर बाद कर दिया. दोपहर बाद वीसी के माध्यम से दोनों पक्षों के वकीलों की अपीलें हुईं. जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दोनों पक्ष सुनने के बाद भूपिंदर हनी को राहत न देते हुए न्यायिक हिरासत को 4 मई तक बढ़ा दिया.

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पहले 20 अप्रैल तक बढ़ाई गई थी न्यायिक हिरासत

बता दें कि 2 अप्रैल को प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल किया था. उस आरोप पत्र पर भी 6 अप्रैल को बहस होनी थी, लेकिन उस पर कोर्ट में कोई चर्चा नहीं हो पाई थी. कोर्ट में पहले यह केस जज दलजीत सिंह चहल की अदालत में था, लेकिन 6 अप्रैल को को पेशी नए जज रूपिंदर सिंह चहल की अदालत में हुई. 6 अप्रैल को ही हनी की न्यायिक हिरासत 20 अप्रैल तक बढ़ाई गई थी.

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जमानत याचिका पर सुनवाई 27 अप्रैल को

भूपिंदर सिंह हनी के वकीलों ने उनकी जमानत याचिका पर भी काम शुरू कर दिया है. वकीलों ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान हुई पेशी के दौरान ही उनकी जमानत याचिका के लिए अपील भी दायर की. कोर्ट ने जमानत याचिका पर आई अर्जी को देखने के बाद सुनवाई के लिए 27 अप्रैल की तारीख सुनिश्चत की. 27 अप्रैल को भूपिंदर सिंह हनी की जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय के वकील और बचाव पक्ष के अधिवक्ता के मध्य बहस होगी. एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट के अधिकारियों ने हनी के घर से बरामद 10 करोड़ को लेकर बड़ा खुलासा किया था. ईडी अधिकारियों ने दावा किया था कि कस्टडी में पूछताछ के दौरान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे ने माना था कि उसने पैसे खनन माफिया के लोगों से खनन विभाग में ही अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग के लिए वसूल किए थे. D के अधिवक्ता ने कोर्ट में कहा कि यह मामला सिर्फ 10 करोड़ का ही नहीं है, बल्कि जांच में पता चला है कि यह बहुकरोड़ी मामला है. करीब 325 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री का नाम इस्तेमाल करके कमाए गए हैं.

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