अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश में अब प्री स्कूल और प्ले स्कूल खोलने के लिए मान्यता लेनी होगी। शिवराज सरकार ने ‘शाला पूर्व’ शिक्षा नीति-2022 लागू कर दी है। अब बगैर मान्यता के प्री स्कूल और प्ले स्कूल खोलकर संचालित करते हुए पाए जाने पर संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि राजधानी भोपाल में ही क़रीब 1 हज़ार से ज़्यादा प्ले स्कूल संचालित हो रहे हैं।

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मध्यप्रदेश में भी अब प्ले स्कूल की मनमानी पर शिकंजा कसने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। महिला एवं बाल विकास अब बच्चों की न सिर्फ पढ़ाई, बल्कि बच्चों के व्यवहार पर ध्यान देगा। प्ले स्कूल के लिए गाइडलाइन छत्तीसगढ़ महिला एवं बाल विकास विभाग बना रहा है। इस गाइडलाइन मापदंडों पर जो प्ले स्कूल खरे उतरेंगे, उन्हें मान्यता मिलेगी, नहीं तो बंद करना पड़ेगा। गाइडलाइन महिला एवं बाल विकास बनाएगा और स्कूल शिक्षा विभाग भी मॉनिटरिंग करेगा। बता दें कि सिर्फ राजधानी भोपाल में ही 1 हजार से ज्यादा प्ले स्कूल संचालित हैं।

प्ले स्कूल के लिए जारी गाइडलाइन के मुताबिक प्ले स्कूलों की मान्यता रिन्यू अनिवार्य कर है। अगर कोई प्ले स्कूल बंद करता है तो इसकी अनुमति भी लेनी होगी। प्ले स्कूल नियमों पर खरा नहीं उतरता तो उसे तुरंत बंद करा दिया जाएगा।

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महिला एवं बाल विकास विभाग ने एनजीओ, यूनिसेफ, निजी प्ले स्कूल संचालकों और प्रबुद्घजनों से इसके लिए सुझाव मांगे हैं। सुझावों के आधार बनी गाइडलाइन को लागू करना है। मध्यप्रदेश में बिना मान्यता के प्ले स्कूल नहीं चलेंगे। इसी तरह हरियाणा में अब प्राइवेट प्ले स्कूल एनसीपीसीआर (नेशनल कमीशन प्रोटेक्शन चाइल्ड) के दायरे में आएंगे।

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