चंडीगढ़, पंजाब। पंजाब कैबिनेट ने युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए एक बड़े फैसले के तहत सोमवार को सरकारी विभागों में 26,454 पदों पर भर्ती को मंजूरी दी. मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में यहां हुई कैबिनेट की बैठक में इसे लेकर फैसला लिया गया. मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि पद ग्रुप ए, बी और सी के हैं. प्रमुख विभागों में गृह, स्कूली शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और तकनीकी शिक्षा शामिल हैं. कैबिनेट ने प्रशासनिक विभागों को पारदर्शी, निष्पक्ष और समयबद्ध भर्ती सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया. निर्णय लिया गया है कि ग्रुप सी पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार आयोजित नहीं किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: Eid 2022: हाई अलर्ट पर दिल्ली पुलिस, संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ी, जामा मस्जिद में दो साल के अंतराल के बाद नमाज अदा कर रहे लोग

राज्य सरकार के पेंशनभोगियों के लिए लागू महंगाई भत्ता मंजूर

यह निर्णय रोजगार उपलब्ध कराने के लक्ष्य को हासिल करने में काफी मददगार साबित होगा. इसके अलावा यह सरकारी विभागों के कामकाज को भी अनुकूलित करेगा, क्योंकि वे पूर्ण मानव संसाधन के साथ काम करना शुरू कर देंगे. एक अन्य निर्णय में कैबिनेट ने पंजाब राज्य विधानमंडल सदस्य (पेंशन और चिकित्सा सुविधाएं विनियमन) अधिनियम, 1977 के खंड 3 (1) में संशोधन के जरिए विधायकों को एक पेंशन देने के लिए मंजूरी दी, चाहे कार्यकाल कितने भी समय का हो. पेंशन के रूप में 60,000 रुपए प्रतिमाह की नई दर और राज्य सरकार के पेंशनभोगियों के लिए लागू महंगाई भत्ता मंजूर की गई है.

ये भी पढ़ें: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कवि कुमार विश्वास की गिरफ्तारी पर लगाई रोक, केजरीवाल का संबंध खालिस्तानियों से बताने का आरोप

सालाना करीब 19.53 करोड़ रुपए की होगी बचत

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस फैसले से सालाना करीब 19.53 करोड़ रुपए की बचत होगी. वाणिज्यिक वाहन संचालकों को अति आवश्यक राहत देने के लिए मंत्रिपरिषद ने व्यावसायिक मोटर वाहन कर वसूलने के लिए परिवहन विभाग की 6 मई से 5 अगस्त तक की एमनेस्टी योजना को स्वीकृति दी. यह भी कहा गया है कि विभाग वाहनों के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करते समय न तो ब्याज वसूल करेगा और न ही विलंब शुल्क. विशेष रूप से धान के मौसम के दौरान घरेलू कोयले की आपूर्ति की कमी को दूर करने के लिए कैबिनेट को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के 7 दिसंबर 2021 के पत्र के बारे में अवगत कराया गया, जिसमें इस वित्त वर्ष के लिए 4 प्रतिशत की सीमा तक आयातित कोयले का उपयोग करने की सलाह दी गई थी. आवश्यक कोयला स्टॉक बनाने के लिए मई तक यानी बरसात के मौसम की शुरुआत से पहले आयातित कोयले की व्यवस्था करने के लिए तुरंत आवश्यक कदम उठाने होंगे.

ये भी पढ़ें: पंजाब सरकार ने इतिहास की 3 किताबों पर लगाया प्रतिबंध, सिखों के इतिहास से जुड़े तथ्यों को तोड़-मोड़कर पेश करने का आरोप

कुल आवश्यकता का 10 फीसदी कोयला करना चाहिए आयात

बिजली की बढ़ती मांग और खपत को देखते हुए केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि राज्य उत्पादन कंपनियों और स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) के स्वामित्व वाले ताप विद्युत संयंत्रों को जरूरत पूरी करने के लिए कुल आवश्यकता का 10 प्रतिशत कोयला आयात करना चाहिए, राज्य में लगातार बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो सके.