दुलेन्द्र पटेल. तमनार(रायगढ़). जिले को हाल ही में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है. आज लोक समाधान शिविर में जिले की एक बेटी विधायक के सामने सुबक-सुबक कर रो रही थी. उनका कहना था कि इंटरकास्ट मैरिज के कारण वह बहुत प्रताड़ित है. उनके पति ने उसे घर से निकाल दिया है. मजबूर माँ अपनी मासूम बेटी को गोद में रख दर-दर भटक रही है.
पीड़िता तेज कुमारी निषाद ने हरिमर्दन राठिया से बीते वर्षों लव मैरिज की थी. इंटरकास्ट मैरिज के चलते घर में कई तरह की समस्याओं का सामना करती रही. तमाम प्रताड़नाओं के बीच तेज कुमारी माँ बन गई. बाद में उनके पति ने ही घर से ही निकाल दिया. तेज कुमारी न्याय के लिए जिले के कई अधिकारियों गुहार लगा चुकी है. मगर कई महीनों बीतने के बावजूद इस मसले पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया है.
पीड़िता आज जिवरी के लोक समाधान शिविर में अधिकारियों को अपना दुखड़ा सुना रही थी. इस बीच विधायक सुनीति राठिया ने का जवाब काफी चौंकाने वाला था. विधायक सुनीति ने पीड़िता को कहा कि कहाँ दर-दर भटक रही हो, माँ-बाप तो तुम्हारे साथ हैं ना !. विधायक सुनीति के मुताबिक पीड़िता को अब उसके मायके में ही घूंट-घूंट कर जिंदगी शुरू कर देना चाहिए. आखिर सवाल उठता है कि क्या इस पीड़िता को कोई न्याय दिलाने की जरुरत नहीं है…?
इस घटना के बाद किसी के मन में भी दूसरा सवाल उपज सकता है कि आखिर किन आंकड़ों के चलते जिले को बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ अभियान में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है. क्या वाकई रायगढ़ जिला इस पुरस्कार का हक़दार था. क्या वाकई रायगढ़ की स्थिति बेटियों के लिए सर्वश्रेष्ठ है. आपको बता दें कि बीते 8 मार्च को ही रायगढ़ जिला को बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ अभियान में उत्कृष्ट राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है. यह पुरस्कार जिले की कलेक्टर शम्मी आबिदी को राजस्थान के झुंझनु में सौंपा गया है.