रायपुर। कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर 300 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया है. चुनावी साल है, ऊपर से लोक सुराज अभियान भी चल रहा है. जहां एक ओर भाजपा लोगों के बीच पहुंचकर अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस भी सरकार को घेरना का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहती है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने प्रदेश में 300 करोड़ रुपए के तेंदूपत्ता घोटाले का आरोप लगाया है. गौरतलब है कि सरकार खुद को आदिवासियों की हितैषी बताते हुए तेंदूपत्ता को बढ़ावा देने की बात भी कहती रही है. साथ ही अभी दिसंबर के महीने में तेंदूपत्ता का बोनस भी बांटा गया था.

कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा. उपनेता प्रतिपक्ष कवासी लखमा और विधायक मोहन मरकाम ने भी रमन सरकार को निशाने पर लिया. भूपेश ने कहा कि बस्तर में 300 करोड़ रुपए का तेंदूपत्ता घोटाला हुआ है. सरकार ने कारोबारियों के जरिए घोटाले को अंजाम दिया है.

उन्होंने आरोप लगाया कि इस घोटाले में सीएम रमन सिंह, वन मंत्री महेश गागड़ा की भूमिका संदिग्ध है. टेंडर में कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई है. उन्होंने कहा कि 34.06 प्रतिशत का नुकसान हुआ है. तकनीकी रूप से गड़बड़ी हुई है.

उन्होंने आरोप लगाया कि 51 से 52 प्रतिशत बोली नीचे गई और कारोबारियों ने तेंदूपत्ते को ऊंचे दाम में बेचा. भूपेश ने आरोप लगाया कि तेंदूपत्ते की बोली कम लगने से संग्राहकों को बोनस सहित अन्य सुविधाएं अब कम मिलेंगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने जानबूझकर चुनावी साल में तेंदूपत्ता में टेंडर कम दाम पर बुलाए. उन्होंने कहा कि 2013 में भी कम दाम टेंडर बुलाकर कारोबारियों को सरकार ने लाभ पहुंचाया था. 2013 में करीब 300 करोड़ रुपए का नुकसान तेंदूपत्ता फेडरेशन को हुआ था. भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि सरकार हर चुनावी वर्ष में कारोबारियों के जरिए इसी तरह घोटाला करती है.

सरकार को नक्सलियों से कोई खतरा नहीं- भूपेश बघेल

पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार को नक्सलियों की तरफ से कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार नक्सलियों को पैसा पहुंचा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि रेट कम आए हैं.

नक्सलियों से मिलकर सरकार बस्तर चुनाव जीतना चाहती है- मोहन मरकाम

विधायक मोहन मरकाम ने आरोप लगाते हुए कहा कि 2003-2008 में केंद्रीय गृह मंत्री बस्तर में आकर बैठ गए थे. उन्होंने कहा कि नक्सलियों से मिलकर सरकार बस्तर चुनाव जीतना चाहती है.

वहीं उपनेता प्रतिपक्ष कवासी लखमा ने कहा कि 2001 में दंतेवाड़ा में ”कच्चा पत्ता’‘ के नाम पर पहले खरीदी होती थी. लखमा ने कहा कि 900 के टेंडर वाले को ठेका नहीं देकर 500 वाले को ठेका देना बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रहा है.

इधर शिशुपाल सोरी ने कहा कि स्वतंत्र रूप से नीलामी नहीं हो रही है. इसमें एक सिंडिकेट काम कर रहा है. प्रदेश में 14 लाख तेंदूपत्ता संग्राहक हैं. बोनस के रूप में जो राशि संग्राहकों को मिलता है, वो सरकार और ठेकेदारों के पास जा रहा है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि नीलामी को रद्द किया जाए और इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाए.