शरद पाठक,छिंदवाड़ा। शहर के नगर निगम क्षेत्र के शराब के शौकीनों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें छुपकर शराब पीने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। अधिकारियों ने चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को खुलकर शराब बांटने की अनुमति प्रदान कर दी है। साथ ही इसके लिए एक रेट लिस्ट भी जारी कर दी है जिसके मुताबिक शराब का खर्च उनके चुनाव के खर्चे में जोड़ा जाएगा।

नगर निगम चुनाव के दौरान प्रत्याशी अब खुलकर मतदाताओं को शराब पिला सकते हैं, जिसका खर्च बकायदा उन्हें अपने चुनाव खर्च में शामिल करना होगा। इसके लिए देसी और विदेशी शराब की रेट लिस्ट बकायदा छिंदवाड़ा में चुनाव संबंधी दिशा निर्देशों के साथ साथ अधिकारियों ने प्रत्याशियों को खर्चे की मार्गदर्शिका के साथ सौंपी है। अधिकारियों द्वारा 883 शराब के ब्रांड की 30 पन्नों की लिस्ट प्रत्याशियों को सौंपी गई है। इसमें ब्रांड का नाम, कंपनी का नाम और उसकी कीमत सब कुछ दिखाया गया है।

नियमानुसार नगर निगम के चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को खर्चे का ब्यौरा निर्वाचन आयोग को देना होता है। इसके लिए प्रत्येक प्रकार के व्यय की अलग-अलग दरें भी निर्धारित है। इसी मार्गदर्शिका में अधिकारियों द्वारा शराब की 883 ब्रांड की एक लिस्ट सौंपी गई है, जिसमें देशी-विदेशी शराब की किस्में हैं और साथ ही उनकी कीमत भी बताई गई है।हालांकि इस आदेश को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अभी यह कहना मुश्किल है कि यह निर्वाचन आयोग के निर्देश हैं या अधिकारियों द्वारा स्वयं के स्तर पर लिया गया निर्णय।

इस मामले को लेकर कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग को शिकायत करते हुए छिंदवाड़ा के सहायक आबकारी आयुक्त माधुसिंह भयढिया पर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इस तरीके से शराब की सूची और उसके दर उपलब्ध कराने का मतलब है कि प्रत्याशी मतदाताओं को शराब पिला सकता है और उसका खर्च शामिल कर सकता है। इससे आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन हो रहा है और शराब बिक्री को बढ़ावा मिलेगा।

मध्यप्रदेश कांग्रेस के चुनाव प्रभारी जेपी धनोपिया ने निर्वाचन आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि अधिकारी पर कार्रवाई के साथ ही इस आदेश को तुरंत निरस्त करना चाहिए, क्योंकि यह नैतिकता के साथ-साथ संवैधानिक रूप से भी गलत है।

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