रायपुर. सौरसुजला योजना ने छत्तीसगढ़ के हजारों किसानों को और उनके परिवारों को बिजली बिलों की चिन्ता से मुक्त कर दिया है. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को आज सरगुजा जिले के ग्राम ससौली (विकासखण्ड-लुण्ड्रा) में आयोजित समाधान शिविर में जब निकटवर्ती ग्राम गड़वीरा की मधु गुप्ता ने मुस्कुराते हुए कहा कि यह हमारे जैसे गरीब किसानों के लिए बिलकुल टेंशन-फ्री योजना है तो मुख्यमंत्री भी मुस्कुराए बिना नहीं रह सके.

मधु गुप्ता ने मुख्यमंत्री को बताया कि सौर सुजला योजना के तहत उनके खेत में सोलर पम्प लग जाने पर अब वे सपरिवार टेंशन-फ्री हो गई हैं. अब हमारे खेतों में सिंचाई की समुचित व्यवस्था है. मधु ने मुख्यमंत्री से यह भी कहा कि पिछले 38 साल से मेरे मायके और ससुराल वाले घर में पीने के पानी की समस्या से परेशान थे. मैं भी परेशान थी. सोलर सिंचाई पम्प से खेतों के साथ-साथ अब घर के लिए भी पर्याप्त पानी मिल रहा है. इससे अब हमारी 38 साल पुरानी समस्या भी दूर हो गई है.

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा लगभग डेढ़ वर्ष पहले नवम्बर 2016 में शुरू की गई इस योजना के तहत किसानों को लाखों रूपए कीमत के सोलर सिंचाई पम्प सिर्फ कुछ हजार रूपए में आसानी से मिल रहे हैं. इन सोलर पम्पों से उन्हें बारहमासी सिंचाई सुविधा भी मिलने लगी है. चूंकि ये सोलर पम्प सूरज की रौशनी से चलते हैं. इसलिए किसानों को बिजली बिल जमा करने की चिंता नहीं होती.

इस योजना में साढ़े तीन लाख रूपए का तीन हार्स पावर का सोलर सिंचाई पम्प अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के किसानों को सिर्फ सात हजार रूपए में, अन्य पिछड़े वर्ग के किसानों को सिर्फ बारह हजार रूपए और सामान्य वर्ग किसानों को सिर्फ 18 हजार रूपए में दिए जा रहे है. इसी तरह पांच हार्स पावर के सोलर पम्प, जिनकी कीमत साढ़े चार लाख रूपए है, इन वर्गों के किसानों को क्रमशः दस हजार, पन्द्रह हजार और बीस हजार रूपए में दिए जा रहे हैं. शेष राशि शासकीय अनुदान के रूप में सरकार वहन कर रही है. योजना का संचालन छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा किया जा रहा है.