चंडीगढ़, पंजाब। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने शुक्रवार को मांग की कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को चंडीगढ़ में अलग विधानसभा के लिए हरियाणा को जमीन सौंपने के अपने बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (जो 30 जुलाई को चंडीगढ़ का दौरा कर रहे हैं) के साथ लिखित विरोध दर्ज करना चाहिए. शिअद के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने यहां जारी एक बयान में कहा कि यह पंजाब के मुख्यमंत्री के लिए अमित शाह के समक्ष लिखित विरोध दर्ज कराने का मौका है, जिसमें उन्होंने अलग राज्य विधानसभा के निर्माण के लिए हरियाणा को जमीन आवंटित करने के अपने बयान को वापस लेने की मांग की है.

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शिअद ने लिखित विरोध कराया दर्ज

शिअद के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि इसी तरह भगवंत मान को भी अपना बयान वापस लेना चाहिए, जो उन्होंने आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा पंजाब के लिए भी जमीन की मांग के निर्देश पर दिया था. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब का है और कोई अपनी जमीन में प्लॉट की मांग नहीं कर सकता. शिअद नेता ने यह भी कहा कि अकाली दल ने पहले ही शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा पंजाब के राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन के रूप में लिखित विरोध दर्ज कराया है.

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सीएम भगवंत मान केंद्रीय गृह मंत्री को लिखित विरोध सौंपें- दलजीत चीमा

शिअद प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी इस उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है और केंद्र सरकार को यह जमीन हरियाणा को नहीं सौंपने देगी, लेकिन पंजाब की आप सरकार को राज्य के लोगों के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहिए. चीमा ने कहा कि अब यह पंजाब के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है कि वे ऐसा ही करें और केंद्रीय गृह मंत्री को लिखित विरोध सौंपें. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह को चंडीगढ़ पर पंजाबियों के रुख से अवगत कराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ के मुद्दे के अलावा मुख्यमंत्री भगवंत मान को पंजाब विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय में बदलने का मुद्दा भी उठाना चाहिए और उन्हें अमित शाह को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि पंजाब ऐसा नहीं होने देगा.