रायपुर। आरक्षित जाति से होने के बाद भी महज छोटी सी मात्रात्मक त्रुटि की वजह से हजारों आदिवासी सरकार से मिलने वाले लाभ से वंचित थे. इन आदिवासियों की समस्या अब दूर हो चुकी है. लेकिन राजनीतिक दलों में अब इसका श्रेय लेने की होड़ मची है. ऐसे में भाजपा के एक ट्वीट पर कांग्रेस ने निशाना साधा है, जिसमें 15 सालों से मामला लंबित रहने की बात कही गई है. कांग्रेस ने इसी ट्वीट को हथियार बनाते हुए सवाल किया है कि अब पार्टी किस मुंह से क्रेडिट लेना चाहती है.

दरअसल, केंद्र सरकार ने अनुसूचित जातियों की सूची में छत्तीसगढ़ के 12 समुदायों को शामिल किया है, जो छोटी-छोटी मात्रात्मक त्रुटियों की वजह से शासन से मिलने वाले लाभ से वंचित थे, हर स्तर पर परेशानी का सामना करना पड़ा था. छत्तीसगढ़ भाजपा ने मोदी सरकार के इस निर्णय की तारीफ करते हुए ट्वीट कर कहा कि सबका साथ-सबका विकास के पथ पर अग्रसर मोदी सरकार का ऐतिहासिक निर्णय. ट्वीट में शामिल इंफोग्राफिक में छत्तीसगढ़ का जिक्र करते हुए 15 साल से मामले के लंबित रहने की बात कही गई है, जिस पर कांग्रेस निशाना साध रही है.

फंस गए!

छत्तीसगढ़ भाजपा के ट्वीट पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने तुरंत पलटवार करते हुए ट्वीट कर कहा कि फंस गए! छत्तीसगढ़ भाजपा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रयासों का क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहे थे, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के पुराने पत्र बनाकर खुद श्रेय लेने की कोशिश करते हुए खुद की पोल खोल ली और फिर ट्वीट को डिलीट भी कर दिया.

किस मुँह से क्रेडिट लेना चाहती है बीजेपी

कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह ने मुद्दे पर बयान जारी कर कहा कि किस मुँह से बीजेपी क्रेडिट लेना चाहती है. 15 सालों तक बीजेपी सत्ता में रही, लेकिन आदिवासी वर्ग को उनका अधिकार नहीं दिला पाई. आदिवासी बीजेपी के लिए सिर्फ़ वोट बैंक हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रयासों का नतीजा है कि मात्रात्मक त्रुटि की वजह से अपने हक़ से वंचित तबके को सम्मान मिला. इस पर श्रेय लेने की होड़ में राजनीतिक दल उनकी तकलीफ अब दूर हो गई है. जब से होकर भी शासन की योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाने वाले हजारों आदिवासियों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रयास से न सिर्फ एक बड़ा न्याय मिला, अपितु वर्षों से जाति के शब्दों में हुई मात्रात्मक त्रुटियों के दंश से भी छुटकारा मिल गया.

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