Intermittent Fasting यानी इंटरमिटेंट फास्टिंग इन दिनों चल रहा एक काफी प्रसिद्ध डाइट ट्रेंड है. जिसे आम आदमी से लेकर सेलिब्रिटी सभी ट्राई कर रहे हैं. इस डाइट का सिद्धांत खाना खाने और फास्ट करने के फिक्स समय से शरीर की क्षमता बढ़ती है, पर काम करता है. वैसे तो Intermittent Fasting का तरीका सुरक्षित है और इसके साइड इफेक्ट्स भी नहीं देखने को मिलते हैं. Also Read – Kitchen Tips : बिना भिगोए भी बन सकते हैं छोले, Follow करें ये टिप्स …

इसका उपयोग वजन घटाने के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य संबंधी फायदे जैसे सूजन को कम करने, मस्तिष्क स्वास्थ्य में सुधार और बहुत कुछ के लिए किया जा सकता है. Intermittent Fasting आहार नहीं है, बल्कि खाने का एक तरीका है. अध्ययनों से पता चलता है कि यह एक प्रभावी वजन घटाने वाला तरीका हो सकता है, लेकिन यह सभी के लिए फायदेमंद नहीं है.

पर्याप्त प्रोटीन का सेवन करें

जब भी किसी डाइट का पालन करते हैं तो शरीर की प्रोटीन जरूरतों को पूरा करने पर जरूर ध्यान रखा जाना चाहिए. प्रोटीन को सेल्स का बिल्डिंग ब्लॉक कहा जाता है. अगर प्रोटीन की जरूरत पूरी होंगी तो फैट सेल्स को लीन मसल्स में बदला जा सकता है. यह आपको लंबे समय तक भरपूर महसूस करने में भी मदद करता है. इसलिए अगर प्रोटीन का सेवन करती हैं तो भूख भी कम लगती है और शरीर की पौष्टिक जरूरत भी पूरा होती हैं.

लंबे समय तक फास्ट करना

यह डाइट का तरीका केवल तब ही प्रभावी है जब लंबे समय तक फास्ट रखा जाए. जितनी ज्यादा देर तक आप फास्ट करती हैं उतने ही ज्यादा आपको स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं. शुरुआत में बहुत देर तक भूखा रहना थोड़ा मुश्किल लग सकता है, लेकिन धीर-धीरे शरीर को भी इसकी आदत पड़ जाती है. हालांकि रोजाना की कैलोरीज पर भी ध्यान देना जरूरी है. अगर खुद को फिट रखना है तो कैलोरी काउंट करके ही किसी चीज का सेवन करें. कम समय तक फास्ट करना इतना लाभदायक नहीं होगा. Also Read – फूंक मारने से पता चलेगा ब्रेस्ट और मुंह का कैंसर, आसानी से होगा मरीजों का इलाज …

50 प्लस वाली महिलाओं का ज्यादा फायदा

50 से अधिक उम्र की इंटरमिटेंट फास्टिंग या उपवास करने वाली महिलाओं के लिए वजन घटाने के अलावा भी कई फायदे हैं. जैसे हेल्दी हार्मोन स्राव जो मेनोपॉज के हानिकारक लक्षणों को कम करता है. वजन घटाने और खुद को फिट रखने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग आज के समय का सबसे जबरदस्त विकल्प है. अगर फास्टिंग के लिए चुनाव की बात करें तो आप 16/8 और सप्ताह में 5 दिन इंटरमिटेंट फास्टिंग का विकल्प चुन सकते हैं.

डाइट प्लान ऐसे बनाएं

एक बार में 24 घंटे से ज्यादा तक फास्ट ना रखें.
12 से 16 घंटे तक ही फास्ट रखना एक सही विकल्प साबित हो सकता है.
आराम से फास्ट करें और लगातार दिनों तक फास्ट ना रखें.
फास्ट के दौरान तरल पदार्थों और हेल्दी डाइट का अधिक सेवन करें.
अपनी कैलोरी इनटेक को अधिक कम ना करें.
योग और दौडनें जैसे हल्के व्यायाम करें.

यह लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग से बनाए दूरी

इंटरमिटेंट फास्टिंग की खास बात यह है कि आपको किसी तरह की स्ट्रिक्ट डाइट का पालन नहीं करना होता. इसमें आपको अपनी कैलोरीज और खाने के बीच के अंतराल का ध्यान रखना होता है. भले ही इंटरमिटेंट फास्टिंग भले ही असरदार हो लेकिन कुछ लोगों को इस फास्टिंग की प्रक्रिया से पूरी तरह बचना चाहिए, जिनकी सूची कुछ इस प्रकार है. गर्भवती महिला, स्तनपान कराने वाली मां, क्रोनिक स्ट्रेस के मरीज, भोजन विकार से पीड़ित लोग, नींद की परेशानी से जूझने वाले लोग.

नोट – अगर आप भी इंटरमिटेंट फास्टिंग का सहारा लेने का सोच रहे हैं तो किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें. अगर डायबिटीज जैसी बीमारी है तो यह फास्टिंग की प्रक्रिया फॉलो ना करें.