ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में पाया जाने वाला प्रमुख कैंसर हैं. दुनियाभर में Cancer से होने वाली मौतों के 20% से ज्यादा मामलों में ब्रेस्ट कैंसर और ओवरियन कैंसर जिम्मेदार हैं. महिलाओं में इन कैंसरों की जांच के लिए अभी मैमोग्राम और अल्ट्रासाउंड जैसी तकनीकें अपनाई जाती हैं. मगर अब रुड़की के प्रोफेसरों की एक टीम ने सांस आधारित कैंसर डिटेक्टर विकसित किया है. जो ब्रेस्ट, फेफड़े और मुंह के कैंसर का पता लगा सकता है. इस बात का दावा IIT रुड़की द्वारा किया गया है. Also Read – अपने बेटों का नाम सुनकर ही प्रसन्न हो जाती है मां लक्ष्मी, इस दिवाली आकस्मिक धन पाने के लिए जरूर लें मां के पुत्रों का नाम …

अज्ञानता सबसे बड़ा कारण

भारत में हर साल कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. इससे मौतें भी हो रही हैं. इस घातक बीमारी के मरीज बढऩे का बड़ा कारण यह है कि अधिकतर लोगों को Cancer के लक्षणों की जानकारी नहीं होती है, लेकिन अब कैंसर की पहचान बड़ी आसानी से हो सकेगी. बस मरीजों को इस उपकरण में फूंक मारनी होगी. इसके तुरंत बाद व्यक्ति किसी दिए गए रंग कोड के साथ सब्सट्रेट के रंग का मिलान कर स्तन, फेफड़े और मुंह के कैंसर होने की संभावना की जानकारी मिल सकती है.

आसानी से होगा मरीजों का इलाज

आईआईटी रुड़की के कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर एमएल शर्मा ने कहा कि कैंसर के अधिकतर मामले एडवांस स्टेज में रिपोर्ट होते हैं. इसका कारण यह है कि लोगों को Cancer का देरी से पता चलता है. अब इस उपकरण की सहायता से कैंसर का पता जल्दी चल जाएगा. इससे मरीज के पूरी तरह ठीक होने की संभावना काफी बढ़ जाएगी. Also Read – पापा के बेहद करीब थीं वैशाली ठक्कर, शेयर करती थी एक खास बॉन्ड …

रंगों के मिलान से पता चलेगा आसानी से

डिवाइस के बारे में जानकारी लेते हुए, प्रोफेसरों की टीम ने बताया यह एक त्वरित, आसान, पॉकेट-फ्रेंडली ब्रेस्ट-लंग-ओरल Cancer स्क्रीनिंग डिवाइस है और एक व्यक्ति सिर्फ इस उपकरण में उड़ाने की जरूरत है. परीक्षण के तुरंत बाद, व्यक्ति दिए गए रंग कोड के साथ सब्सट्रेट के रंग का मिलान कर सकता है और स्तन, फेफड़े और मुंह के कैंसर होने की संभावना को समझ सकता है.