21 जनवरी को हिंदू पंचाग के अनुसार चार शुभ योग बन रहे हैं. शनिवार को माघी अमावस्या, मौनी अमावस्या, सालों बाद खप्पर योग, चतुरग्रही योग, षडाष्टक योग और समसप्तक योग का शुभ अद्भुत संयोग बन रहा है. शनिचरी अमावस्या को शनि ग्रह से संबंधित उपायों से जातक को साढ़ेसाती और ढैय्या के दुष्प्रभावों से राहत मिलेगी. हिंदू धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार 15-15 दिनों के दो पक्ष होते हैं.
मौनी अमावस्या 2023
मौनी अमावस्या तिथि: 21 जनवरी, 2023 तिथि की शुरुआत: सुबह 06 बजकर 19 मिनट से तिथि की समाप्ति: 22 जनवरी की रात 02 बजकर 25 मिनट तक. Read More – बचपन से ही बच्चों में डालें हाइजीन से जुड़ी ये आदतें, नहीं होंगे बार बार बीमार …
मौनी अमावस्या पर 30 साल बाद विशेष संयोग
इस वर्ष मौनी अमावस्या पर विशेष संयोग बनने जा रहा है. ऐसे संयोग 30 वर्षों के बाद दोबारा से बनेगा. हिंदू पंचांग की गणना के मुताबिक 21 जनवरी को मौनी अमावस्या पर 30 साल के बाद खप्पर योग बनेगा. इस योग में कुंडली में शनि के शुभ प्रभाव को बढ़ाने और धार्मिक कार्यों के लिए विशेष माना जाता है. इसके अलावा मौनी अमावस्या के पहले शनि का राशि परिवर्तन भी होने वाला है. Read More – Instagram Quiet Mode : इंस्टाग्राम ने जारी किया शानदार फीचर, जानें क्यों है खास …
अमावस्या तिथि शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए विशेष तिथि मानी जाती है. शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं और यह न्याय और कर्मफलदाता है. शनि ढाई वर्ष में राशि परिवर्तन करते हैं. मौनी अमावस्या पर शनि कुंभ राशि में मौजूद रहेंगे. मकर राशि में सूर्य और शुक्र की युति से खप्पर योग का निर्माण होगा.
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