पंजाब और मध्य प्रदेश समेत देश के 7 राज्यों में आज से किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया है. किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ 10 दिवसीय किसान आंदोलन का ऐलान किया है.

किसान नेताओं ने स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करवाने और किसानों की आमदनी बेहतर करने की मांग को लेकर शुक्रवार से 10 जून तक सब्‍जी, फल और दूध की सप्लाई रोकने का आंदोलन शुरू कर दिया है. पंजाब के मोगा और फरीदकोट से सब्‍जियों और फलों की सप्‍लाई बंद कर दी गई है.

हड़ताल के पहले दिन ही पंजाब से आने वाली सब्‍जियों और फलों में 80 से 90 प्रतिशत की कमी देखी जा रही है. पंजाब के फरीदकोट में किसान संगठन के कार्यकर्ताओं ने सब्जी मंडी के बाहर डेरा जमा लिया है. मंडी के अंदर दाखिल होने वाली सब्जी की गाड़ियों को रोका जा रहा है.

गौरतलब है कि पिछले साल मध्यप्रदेश के मंदसौर से किसान आंदोलन की आग भड़की थी. मंदसौर में फसलों के दाम बढ़ाने की मांगों को लेकर किसान आंदोलन कर रहे थे, जिसमें पुलिस ने गोलियां चला दीं, जिसमें 6 किसानों की मौत भी हो गई थी. 6 जून को इन किसानों की बरसी है. इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मंदसौर जा रहे हैं. वे यहां एक जनसभा को संबोधित करेंगे.

इस आंदोलन के चलते आने वाले दिनों में फल और सब्जी के दाम बढ़ सकते हैं. क्योकि इसकी सप्लाई प्रभावित होगी तो बाजारों में माल की कमी हो जाएगी. इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला है. महासंघ का दावा है कि देश के लगभग 22 राज्यों के 130 संगठनों ने इसका समर्थन दिया है. अगर ऐसा हुआ तो इससे खाने-पीने की चीजों के दामों में जबर्दस्त उछाल आ सकता है और इससे हाहाकार मच सकता है.

किसान आंदोलन में अब तक क्या क्या हुआ

  • पुणे के खेडशिवापुर टोल प्लाजा पर किसानों ने 40 हजार लीटर दूध बहाया ।
  • एमपी के मंदसौर में आंदोलन शुरू करने से पहले मंदिर किसान पहुंचे और भगवान का दूध से अभिषेक किया ।
  • मंदसौर में पूरे शहर में पुलिस की तैनाती कर दी गई है ताकि, किसान आंदोलन के दौरान शांति कायम रह सके।
  • झाबुआ में धारा 144 लगा दी गई है. किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है ।
  • आगरा में अपने वाहनों की फ्री आवाजाही कराने के लिए किसानों ने टोल पर कब्जा कर लिया और जमकर की तोड़फोड़ की ।
  • राष्ट्रीय किसान महासंघ ने 130 संगठनों के साथ विरोध प्रदर्शन और हड़ताल का ऐलान किया है ।