रायपुर. किसान आंदोलन की आग अब धीरे-धीरे छत्तीसगढ़ फैलती जा रही है. जिसकी बानगी रविवार को सारागांव में देखने को मिला. जहां पेंड्रावन जलाशय बचाओ किसान संघर्ष समिति के तत्वाधान में गांव बंद आंदोलन किया गया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार का जमकर विरोध जताते हुए आने जाने वालों राहगीरों को मुफ्त में सब्जी बांट दी.
आंदोलन के दौरान किसान नेता उधोराम वर्मा ने कहा कि किसानों को राजनीतिक हितों से ऊपर उठकर सामने आना होगा. “उन्होंने कहा कि प्रदेश में सूखा के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति बदहाल हैं. इस स्थिति में भी फसल बीमा की राशि को किसानों को देने की बजाए सीधे उनके कर्जे में समायोजित की जा रही हैं. साथ ही संघर्ष समिति के अध्यक्ष भागवत नायक ने कहा कि जब तक किसानों को उनके उत्पाद के सही दाम नही मिलेंगे तब तक उनकी बदहाली समाप्त नही होगी. उन्होंने कहा कि हम भले की किसी भी राजनीतिक विचारों से जुड़े हो परंतु किसानो के सवालों पर एक जुट होकर संघर्ष करना पड़ेगा.
इस दौरान अलग अलग किसना नेताओं ने सरकार को जमकर घेरते हुए कहा कि आज देश किसानों की मूलभत समस्याओं से भटकाने के लिए नए नए मुद्दों को सामने लाया जा रहा हैं. जानबूझकर धर्म और जाति के नाम पर किसानों को बांटा जा रहा हैं. छत्तीशगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला ने कहा कि रमन सरकार को सिर्फ उधोगपतयो की चिंता हैं किसानों की नहीं चुनावी घोषणा पत्र के वादे अनुरूप न तो धान का समर्थन मूल्य दिया और न ही सभी वर्षो का बोनस यहां तक कि ग्रीष्मकालीन धान पर पर प्रतिवन्धित लगाकर किसानों को चना लगाने कहा और जब चने की पैदावार हुई तो सरकार समर्थन मूल्य पर खरीद से पीछे हट गई. यह राज्य सरकार का किसानों के प्रति दोहरा रवैया हैं. आंदोलन में बड़ी संख्या में किसान समेत समिति के सदस्य मौजूद रहे.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय किसान संघ ने 1 जून से 10 जून ने किसानों की उपज के सही दाम, न्यूनतम सुनिश्चित आय, कर्ज माफी जेसी मांगों को लेकर पूरे देश में बंद का ऐलान किया था. जिसका व्यापक असर भी देखने को मिल रहा है. इसी क्रम में आज पेंड्रावन जलाशय बचाओ संघर्ष समिति के द्वारा भी ये आंदोलन किया गया.