शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर के महू कांड (Mhow) को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (National Scheduled Tribes Commission) ने समन जारी करते हुए इंदौर कलेक्टर और ग्रामीण आईजी को 11 अप्रैल को उपस्थित होने के निर्देश दिए है। बीते दिनों पुलिस फायरिंग में आदिवासी युवक की मौत हो गई थी। इस मामले में आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया था। कलेक्टर और आईजी को नोटिस जारी कर तीन दिन में मामले की रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे। वहीं अब समन जारी कर उपस्थित होने के लिए कहा है।
बता दें कि पूरा मामला महू के डोंगरगांव थाना क्षेत्र का है, जहां एक आदिवासी युवती की मौत पर जमकर बवाल हुआ था। मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने शव लेकर थाने के बाहर चक्काजाम किया था। परिजनों का आरोप था कि युवती के साथ रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई। हत्या करने वाला पाटीदार समाज का युवक है। भीड़ लगातार आरोपी को सौंपने की मांग कर रही थी।
1 घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद जब परिजनों की कोई सुनवाई नहीं हुई तो परिजनों ने पुलिस थाने पर पथराव कर दिया। भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले बरसाए और 25 से ज्यादा हवाई फायर किए। भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इस दौरान गोली लगने से एक आदिवासी युवक की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में 13 नामजद और 90 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। हालांकि बाद में ये पुष्टि हुई कि युवती की मौत करंट लगने से हुई थी, ना कि उसकी हत्या की गई थी।
10 लाख मुआवजा, सरकारी नौकरी
वहीं घटना के बाद मध्यप्रदेश सीएम के फेसबुक पोस्ट पर लिखा गया था कि मुख्यमंत्री शिवराज (CM Shivraj) ने इंदौर के महू में हुई घटना को लेकर मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। सीएम चौहान ने कहा कि सरकार की तरफ से पीड़ित परिवार को ₹10 लाख और बड़े बेटे को नगर परिषद में शासकीय नौकरी दी जाएगी।
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