अमृतांशी जोशी,भोपाल। इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में रामनवमी पर बावड़ी की छत धंसकने से 36 लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद प्रशासन ने अवैध निर्माण तोड़ दिया था। क्योंकि मंदिर काफी पुराना था और लोगों की इससे आस्था जुड़ी हुई थी। ऐसे में मंदिर के आसपास के रहवासियों में इसे लेकर काफी नाराजगी भी देखने को मिली। मंदिर तोड़े जाने से आक्रोशित स्थानीय रहवासी जय श्री राम के नारे लगाते हुए कलेक्टर ऑफिस पहुंचे और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और मंदिर को नए सिरे से बनाए जाने की मांग की।
इधर सीएम शिवराज ने आज भोपाल में कहा, इंदौर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद हमने उस बावड़ी को भर दिया, लेकिन वह मंदिर बहुत पुराना था। छोटा था, लेकिन पुराना था, कई वर्षों से वहां श्रद्धालुजन पूजा कर रहे थे। पूरे विधि-विधान और पूजा के साथ प्रतिमा दूसरे स्थान पर मंदिर में स्थापित की गई। लेकिन मुझे ये उचित लगता है कि पूरी तरह से सुरक्षित रखते हुए… सामंजस्य और सद्भाव के साथ एक बार फिर से मंदिर स्थापित कर दिया जाए ताकि कॉलोनीवासी वहां फिर से पूजा और अर्चना कर सकें।
शिवराज ने कहा कि मंदिर में जो हादसा हुआ उसके बाद विधिवत तरीके से मूर्तियां दूसरी जगह स्थापित की गई थी। लेकिन वहाँ के लोगों की मांग को सुनते हुए और सामाजिक समरसता बनाए रखने के लिए हमने तय किया है कि दोबारा से हादसे वाली जगह पर मंदिर बनाया जाएगा और मूर्तियां स्थापित की जाएगी।
सीएम ने कहा कि इंदौर में जो घटना हुई उसके बाद हमने तय किया था कि सभी कुएँ और बावड़ी का सर्वे किया जाएगा। सर्वे की शुरुआत भी हुई थी लेकिन हमारे वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने सुझाव दिया कि इन्हें ख़त्म करना कोई विकल्प नहीं है। बल्कि ऐसे जलस्रोतों को संरक्षित करके रखना बहुत ज़रूरी है। इसलिए अब हमने तय किया है कि ऐसे बावड़ी और कुओं को सुरक्षित कर वहाँ के स्रोत को संरक्षित किया जाएगा। बता दें, रामनवमी पर बावड़ी की छत धंसकने से 60 लोग पानी में गिर गए थे। अभी भी 20 लोगों का अस्पताल में इलाज जारी है।
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