मनोज उपाध्याय, मुरैना। जब भी कोई घटना या वारदात होती है पीड़ित सबसे पहले न्याय की गुहार लेकर पुलिस के पास पहुंचते है। लेकिन क्या हो जब पुलिस ही पीड़ितों को परेशान करे और उनकी ना सुने। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से सामने आया है। जहां एक पीड़ित परिवार ने पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का गंभीर आरोप लगाया है। साथ ही काम के बदले पैसे मांगने का भी आरोप है। ये पूरा मामला युवती के अपहरण से जुड़ा हुआ है।

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मिली जानकारी के अनुसार जिले के महुआ थाना क्षेत्र के साहरूपुरा गांव से गत 29 मार्च को बदमाशों ने एक युवती को हथियारों के की नोक पर उसके घर से उठा ले गए। इसके साथ ही नकदी व जेवर भी लूटकर ले गए। हैरानी वाली बात तो यह है कि मामले में पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट तो जरूर दर्ज की। लेकिन आरोपियों का पता लगाकर युवती को आज तक बरामद नहीं किया है। पीड़ित परिवार मामले में कार्रवाई को लेकर कई बार थाने के चक्कर लगा चूका है। लेकिन उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ा है। 

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इसमें सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात तो यह है कि पीड़ित परिवार ने बताया कि थाने पर एक पुलिसकर्मी ने युवती को खोजने के एवज में 50 रुपये की मांग की। जब पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो पीड़ितों ने सीएम हेल्पलाइन में मामले की शिकायत की। इसके साथ ही एसपी को भी 4 बार आवेदन दिया। लेकिन इसके बावजूद युवती को पुलिस दस्तयाब नहीं कर सकी है। जबकि पीड़ित आरोपियों का  का नाम तक बता रहे है। 

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बता दें कि साहरूपुरा  गांव निवासी मोहरमन सिंह की बेटी वीरवती को 29 मार्च की रात आकर बदमाश हथियारों की नोंक पर उठा ले गए थे। युवती के पिता मोहरवन सिंह ने बताया कि उसने तुरंत थाने में शिकायत भी की। जिस पर गुमशुदगी दर्ज कर ली गई। तब पुलिस ने आरोपियों को खोजने की जिम्मेदारी भी उन्हें ही दे दी। जब एक आरोपी का नाम बताया तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं जब थाने जाते तो बेटी को खोजने में खर्चा होने की बात कही और 50 हजार रुपये की मांग की गई। जिसके बाद उन्होंने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई। वहीं पुलिस अधीक्षक से भी शिकायत की है। लेकिन अभी तक लड़की को दस्तयाब नहीं किया जा सका है। बहरहाल अब पीड़ित परिवार को कब तक न्याय मिल पाता है, ये तो समय ही बताएगा। लेकिन इस मामले ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालियां निशान जरूर खड़े कर दिए है। 

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