सुधीर दंडोतिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकारी डॉक्टरों ने हड़ताल वापस ले ली है। लेकिन उनका आंदोलन अभी जारी रहेगा। बताया जा रहा है कि डॉक्टर अब सामूहिक इस्तीफे की तैयारी में है। इधर दूसरी ओर डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध बताने के बाद कोर्ट के फैसले को लेकर दूसरे कर्मचारी संगठन सामने आए है।
बिजली यूनाइटेड फोरम के अध्यक्ष वीकेएस परिहार ने डॉक्टरों की हड़ताल पर सवाल करते हुए कहा कि हड़ताल की परमिशन सरकार देगी या फिर कोर्ट ? उन्होंने कहा कि जब तीन-तीन महीने तक कोई कार्रवाई नहीं होती तब क्यों संज्ञान नहीं लिया जाता है। संगठनों के द्वारा लगातार पत्राचार करने के बाद भी सरकार संज्ञान नहीं लेती है। जब हड़ताल की चेतावनी दी जाती है तो उसके एक दिन पहले आश्वासन सरकर के द्वारा दे दिया जाता है। लेकिन उसमे महीनों बीत जाने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।
बता दें कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश में सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध ठहराया। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि हड़ताल पर बैठे सभी डॉक्टर तत्काल काम पर लौटे। डॉक्टर अस्पताल में मौजूद अंतिम मरीज का भी इलाज करें। हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि आगे से बिना अनुमति हड़ताल नहीं करें। भविष्य में टोकन स्ट्राइक को भी हाईकोर्ट ने अवैध बताया। याचिका जबलपुर के पूर्व पार्षद इंद्रजीत कुंवर पाल सिंह ने लगाई थी। जिस पर चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई।
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