रामेश्वर मरकाम, धमतरी. शहर में इन दिनों ज्यादातर लोगों की जुंबा पर अंकिता लुनिया का नाम है. अंकिता सांसारिक जीवन त्याग कर साध्वी बनने जा रही है. एमएससी आई की पढ़ाई करने वाली अंकिता एक वेब डिजानइर के तौर पर अपना करियर बनाना चाह रही थी. लेकिन साल 2013 में मुनि महेन्द्र सागर, मणिप्रभा सागर चातुर्मास के लिए जब शहर पहुंचे, तब उनके प्रवचन सुनकर अंकिता बेहद प्रभावित हुई. और इसके बाद उसने सांसारिक जीवन त्यागने का फैसला ले लिया. इसके बाद वो इन गुरुओं का जहां भी चौमासा व्रत देश में कहीं भी चलता ये वहां पहुंच जाती थी.

मुनि महेंद्र सागर के सान्निध्य में 2 वर्ष का कोर्स किया और एक साल तक जीवन के महत्वपूर्ण विषयों पर रिसर्च कर परीक्षा पास की. साथ ही मन की शंकाओं का समाधान भी किया. दीक्षार्थी अंकिता ने बीते 5 सालों से सूर्यास्त के बाद अन्न-जल ग्रहण करना बंद कर रखी है..इसके अलावा वो फिल्में भी नहीं देखतीं, उसने चप्पल पहनना भी बंद कर दिया है.

अंकिता कल यानि शनिवार को अंतिम दीक्षा लेगी , इसको लेकर धमतरी में खुशी का माहौल है. शुक्रवार सुबह जैन समाज द्वारा मां बिलाई माता मंदिर से बरघोड़ा शोभायात्रा निकाली गई. इस दौरान रास्तेभर समाज के लोग बाजे-गाजे के साथ नाचते गाते रैली निकाली. बताया जा रहा है कि जिले में 48 साल पहले किसी ने दिक्षा ली थी,  उसके बाद से अब शहर में कोई दिक्षा लेने जा रहा है. अंकिता के माता-पिता शुरू में अपनी बेटी का घर गृहस्थी बसाना चाह रहे थे. लेकिन बेटी की इच्छा और जिद को देखते हुए वे भी इसके लिए तैयार हो गए.

 

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