मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ सभी आरोप वापस ले लिए हैं. राज्य सरकार ने दिसंबर 2021 में जारी निलंबन आदेशों को भी रद्द कर दिया और कहा कि निलंबन की अवधि में वह ड्यूटी पर थे.

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से चर्चा में बताया कि कैट (सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल) ने परमबीर सिंह की विभागीय जांच को गलत करार देते हुए से बंद करने का आदेश दिया था. कैट ने उनके निलंबन को गलत बताते हुए निलंबन आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया था, उसी के मुताबिक यह फैसला लिया गया.

बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को तत्कालीन महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार ने सेवानिवृत्त होने से दो सप्ताह पहले बीते साल निलंबित कर दिया था, इसके साथ ही उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे. परमबीर सिंह ने अपने निलंबन को चुनौती दी थी.

परमबीर सिंह ने महा विकास अघाड़ी सरकार के दौरान गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए एक पत्र लिखा था, जिसके कारण अनिल देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा और अंततः उनकी गिरफ्तारी हुई थी.

इसके बाद जबरन वसूली के आरोप में सिंह के खिलाफ कुल पांच प्राथमिकी दर्ज की गईं, जबकि एक मामले में मुंबई पुलिस द्वारा आरोप पत्र दायर किया गया था. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा उनके खिलाफ की जा रही दो जांचों सहित सभी मामलों को अंततः सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई को सौंप दिया था.

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