अमित पाण्डेय, सीधी। मध्यप्रदेश के सीधी जिले में मेजर थैलीसीमिया बीमारी से पीड़ित एक बच्ची जंग लड़ रही है। बेटी की इलाज के लिए सरकार और प्रशासन ने मदद की गुहार लगा लगाकर थक चुके लाचार पिता अब भीख मांगने को मजबूर है। भीख से मिली राशि से बच्ची का इलाज कराया जाएगा। 9 साल की बेटी को लेकर पिता पंकज तिवारी 25 जून से सिंगरौली जिले से पैदल यात्रा करते हुए सीधी व अन्य जिले का भ्रमण करते भोपाल पहुंचेंगे। आराध्या उसकी इकलौती संतान है।
सीधी जिले के कमर्जी गांव में 4 अप्रैल 2014 को सामान्य परिवार में जन्मी आराध्या जन्म से ही मेजर थैलीसीमिया नामक रक्त की गंभीर बीमारी से पीड़ित है। उसे जीवित रहने के लिए हर सप्ताह खून चढ़ाया जाता है। पिता पंकज ने बताया कि आराध्या को बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए जर्मनी से मदद मिली है। क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लूर तमिलनाडू द्वारा ऑपरेशन का इस्टीमेट 45 लाख का दे दिया है। इसके बाद कुछ दिन वहीं रहना पड़ेगा। किसी भी दिन ऑपरेशन के लिए बुलाया जा सकता है, ऐसे में पैसे की व्यवस्था के लिए पिता भीख मांगों अभियान शुरू कर रहा है।
पिता बेटी के इलाज के लिए पिछले पांच सालों से सरकारी मदद के लिए दौड़ लगा रहा है। इसके लिए वे सभी जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके हैं। मुख्यमंत्री से भी कई बार गुहार लगा चुके हैे, लेकिन मदद नहीं सिर्फ आश्वासन ही मिला है। पिता ने बताया कि बेटी के उपचार के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने अपना कॅरियर सहित सब कुछ दांव पर लगा दिया है। इस बीमारी का एकमात्र स्थाई उपचार बोन मैरो ट्रांसप्लांट है। जिसके उपचार में करीब 50 से 60 लाख खर्च अनुमानित है।
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