(सुधीर दंडोतिया की कलम से)
आईएएस के अय्यार
मध्य प्रदेश में नर्मदापुरम संभाग के कलेक्टर साहब अपने खास दो अय्यार के बिना कोई कदम नहीं उठा रहे हैं. हालत ये हैं कि जिले में ठेके से लेकर बड़े कामों की फाइल पर दोनों की सलाह के बिना कलेक्टर साहब साइन नहीं करते. कलेक्टर साहब बहुत ईमानदार हैं इसलिए अब तक उनका इकबाल बुलंद रहा है, लेकिन कलेक्टर साहब की ईमानदरी का फायदा उनके दोनों खास अय्यार उठा रहे हैं. कलेक्टर साहब सख्त हैं और ईमानदार हैं, इसलिए किसी की उनसे सीधे बात करने की हिम्मत नहीं होती, खबर है कि कलेक्टर साहब की ईमानदारी की बोली लगाकार उनके दोनों अय्यार जमकर मालाई काट रहे हैं. जिले के दूसरे अधिकारी सब जानते हुए इसलिए शांत हैं क्योंकि जिले में अमन कायम जो है!
कलेक्टर का कांग्रेस पर यकीन
हाल ही में देश और प्रदेश में सबसे ज्यादा चर्चा में रहे एक जिले के लाट साहब को कांग्रेस की सरकार बनने की उम्मीद है. लाट साहब पर जल्दबाजी में बिना जांच के एक मामले में क्लीन चिट देने के आरोप लगे थे, जिसके बाद साहब सरकार और कई संगठनों के निशाने पर आ गए. इस मामले को लेकर लाट साहब की जमकर किरकिरी भी हुई. इसी दौरान जब इस मामले की जांच कराने के लिए कलेक्टर साहब पर दबाव बना तो साहब अपने अधीनस्तों और पत्रकारों से कहते नजर आए कि कितनी भी जांच करा लें आएगी तो कांग्रेस ही.
चौकीदार ने कराई किरकिरी
मध्य प्रदेश के चुनावी मौसम में बकरीद को राजनीतिक दलों ने खूब भुनाया, लेकिन इस जश्न के त्योहार पर कांग्रेस में चौकीदार ने किरकिरी करा दी. दरअसल, ओबीसी की पार्टी ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में यह तर्क देते हुए कुर्बानी करने की सलाह दे डाली कि सर्वधर्म समभाव के तहत जब पार्टी कार्यालय में भगवा लहराया जा सकता है तो ईद पर कुर्बानी क्यों नहीं हो सकती. नई पार्टी की इस राजनीतिक चाल का असर यह हुआ कि ईद के दिन प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में ताले ही नहीं खुले. रोजाना की तरह कुछ कांग्रेस नेता पार्टी दफ्तर भी पहुंचे, लेकिन तालाबंदी होने से उन्हें प्रवेश नहीं मिल सका. लोगों के बीच ये कार्यकर्ता यह कहते हुए नजर आए कि पार्टी कार्यालय बंद रखने के कोई निर्देश नहीं थे, लेकिन चौकीदार ने ताला ना खोलकर किरकिरी करा दी.
60 लाख के स्विच बोर्ड
राजधानी भोपाल में इन दिनों एक बंगले में लगे स्विच बोर्ड वर्ग विशेष में चर्चा का विषय बने हुए हैं. यह चर्चा उन लोगों के बीच बहुत खास हो गई है, जिनके बंगलों की कीमत करोड़ों में है. इन स्विच बोर्ड की चर्चा वर्ग विशेष की महफिलों में तो हो ही रही है, महंगे बंगलों में स्विच बोर्ड लगाने वालों की महफिल में भी स्विच बोर्ड की चर्चा छिड़ गई तो सब भौचक्के रह गए. महफिल के बीच एक व्यापारी ने बताया कि अरेरा कॉलोनी एक्सटेंशन में बने बंगले में 60 लाख के स्विच बोर्ड लगाए गए हैं. सबने अपने-अपने क्लाइंट के यहां लगाए स्विच बोर्ड का आकलन किया और एक नतीजा निकाला कि भोपाल के इतिहास में किसी घर में लगे सबसे महंगे स्विच बोर्ड 60 लाख वाले ही हैं. जिस बंगले में यह स्विच बोर्ड लगे हैं, वो परिवार शिक्षा, कंस्ट्रक्शन और चौथे स्तंभ के कामकाज से जुड़ा हुआ है.
चर्चा जोरों पर है
मोदी कैबिनेट विस्तार को लेकर इन दिनों चर्चा जोरों पर है. इस बदलाव की चर्चा के बीच मध्य प्रदेश से कैबिनेट में दो चेहरे लिए जाने की उम्मीद जताई जा रही है. इनमें मध्य प्रदेश बीजेपी के एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय माना जा रहा है. वहीं दूसरे चेहरे के लिए ओबीसी और एससी वर्ग से तलाश है. इस बदलाव के बीच बीजेपी में दिल्ली में बैठे कई नेता मध्य प्रदेश में वापसी की उम्मीद लगाए बैठे है. वहीं चर्चा जोरों पर है कि कैबिनेट के संभावित फेरबदल के बीच मध्य प्रदेश से मोदी कैबिनेट में एक मंत्री को ड्राप किया जा सकता है. जिन मंत्री के नाम की चर्चा है वो प्रदेश अध्यक्ष से लेकर सीएम तक की रेस में सोशल मीडिया में बाजी मार चुके है.
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