कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) दो दिन के लिए ग्वालियर दौरे पर है। ज्योतिरादित्य सिंधिया खटीक समाज के प्रतिभा सम्मान समारोह में पहुंचे। जहां खटीक समाज के लोगों ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को जिंदा बकरा भेंट किया।
महावीर भवन में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया खटीक समाज के प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम में पहुंचे। जहां खटीक समाज के लोगों ने सिंधिया को जिंदा बकरा भेंट किया। जिसके बाद सिंधिया ने बकरे को हाथ लगाकर उन्हें वापस कर दिया। खटीक समाज बकरा को अपना प्रतीक चिन्ह मानता है। बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मिशन 2023 को हासिल करने के लिए सभी समाजों के बीच पहुंच रहे हैं। इससे पहले सिंधिया ने कार्यालय अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर से मुलाकात की थी। उन्होंने इस मुलाकात को साधारण मुलाकात कही थी।
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चुनावी साल में सिंधिया अलग अलग समाजो के बीच पहुंच रहै है। सिंधिया अपने ग्वालियर दौरे के आखिरी दिन जैन समाज, गुर्जर समाज, सिंधी समाज के साथ ही खटीक समाज के कार्यक्रम में शामिल हुए। ग्वालियर में खटीक समाज के प्रतिभा सम्मान समारोह में पहुंचे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को जिंदा बकरा भेंट कर दिया गया। ये नाजरा देखकर सिंधिया हैरान हो गए। आनन-फानन में सिंधिया ने बकरे को हाथ लगा कर उसको वापस कर दिया।
दरअसल खटीक समाज बकरे को अपना प्रतीक चिन्ह मानता है। इसलिए बकरा उन्हें भेंट किया गया। ग्वालियर के महावीर भवन में खटीक समाज का प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा था। इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान समाज के लोगों ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का स्वागत किया और कुछ लोगों ने अपना प्रतीक चिन्ह जिंदा बकरा उन्हें भेंट किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बकरे को हाथ लगाकर उसको वापस कर दिया बकरा भेंट करने के दौरान समाज के लोगों में मतभेद भी दिखाई दिया है। कुछ लोग बकरे को स्टेज पर लाने से मना भी कर रहे थे। लेकिन बकरे को समाज के कुछ लोग जबरदस्ती स्टेज पर लेकर पहुंच गए। हालांकि इस मौके पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि खटीक समाज के साथ उनका पुराना रिश्ता है, इसलिए उन्होंने उनकी भेंट को स्वीकार किया और उनकी भेंट से वह खुश भी है।
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सिंधिया ने गुर्जर समाज के इतिहास को बताते हुए कहा कि यह वीर योद्धाओं का समाज है, महाराणा प्रताप के सबसे खास सेनापति प्रताप गुर्जर का शौर्य पूरी देश दुनिया जानती है। कोल्हापुर में उनकी छतरी के दर्शन मात्र से वीरता की अनुभूति होती है, जब उनके पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के साथ कांग्रेस पार्टी ने छलावा किया। तब उन्होंने अपनी पार्टी बनाई और उस दौरान भी गुर्जर समाज सबसे पहले उनके साथ खड़ा हुआ और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफे दिए थे। गुर्जर समाज और भारतीय जनता पार्टी के बीच एक बड़ा धार्मिक रिश्ता है। गुर्जर समाज के आराध्य भगवान श्री देवनारायण कमल के फूल पर बैठते हैं ऐसे में भारतीय जनता पार्टी और गुर्जर समाज के बीच धार्मिक रिश्ता है। सिंधिया ने यह भी कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि आगामी चुनाव में गुर्जर समाज भारतीय जनता पार्टी के साथ खड़ा होकर प्रदेश की प्रगति में आगे आएगा।
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