कुशीनगर. तमकुहीराज नगर पंचायत के एक गरीब के तीनों बच्चे आंख के गंभीर बीमारी के शिकार हो गए हैं. पांच वर्षों की उम्र तक सामान्य रहने वाली आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगी और यह बीमारी चंद्रिका के तीनों संतानों को हो गई, पिता ने बच्चो के आंखों के इलाज के लिए चारों तरफ दौड़ लगाई. स्थानीय स्तर पर दवा कराने के बाद चिकित्सकों ने दिल्ली स्थित अर्युविज्ञान संस्थान के लिए रेफर कर दिया है. लेकिन पैसे के अभाव में वहां इलाज कराना गरीब परिवार के वश की बात नहीं है. पीड़ित गरीब अब मदद की आस में सरकारी सुविधाओं की ओर आशा भरी नजरों से देख रहा है. सरकार गरीबों के इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड बनाने का दावा करती है, लेकिन वे दावे जमीन स्तर पर दिखाई नहीं दे रहा है, अगर इस गरीब परिवार के सदस्यों का आयुष्मान कार्ड बना रहता तो एम्स दिल्ली में इनका इलाज संभव हो पाता और राजन, गीता और मुकेश के जीवन में भी खुशियां लौट आती और उनका जीवन भी सामान्य हो जाता और उनके सपनों को पंख लग जाते.

बता दें कि कुशीनगर जिले के नगर पंचायत तमकुहीराज के वार्ड नं. 3 तुलसीनगर निवासी चंद्रिका चौहान कस्बा के व्यापारियों के यहां पल्लेदारी का कार्य कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. उनके तीन संताने हैं दो पुत्र और एक पुत्री है. बड़ा. बेटा राजन 16 वर्ष, पुत्री गीता 14 वर्ष और सबसे छोटा बेटा मुकेश 12 वर्ष है. चंद्रिका बताते है कि सभी बच्चो में पांच बर्ष की उम्र होते ही अंधापन की बिमारी शुरू हो गई थी. पहले कम दिखाई देने लगा फिर धीरे-धीरे बच्चों को पूरी तरह दिखाई देना बंद हो गया. मजदूरी कर किसी तरह इलाज कराता रहा. अंत में चिकित्सको ने बच्चों को आर्युविज्ञान संस्थान नई दिल्ली रेफर कर दिया है. उनका आारोप है कि जहां आर्थिक रूप से मजबूत लोगों का आयुष्मान कार्ड बन गया है. वहीं गरीबी से लाचार और जरूरतमंद होने के बावजूद उनका कार्ड नहीं बना है. अगर कार्ड बना होता तो शायद उनके बच्चो का इलाज एम्स में कराना संभव हो पाता. चंद्रीका का सबसे छोटा बेटा मुकेश ने बताया कि अगर आखों का इलाज हो जाता तो पढ़ लिखकर इंजिनियर बनना चाहता था काश! मेरे आखों का इलाज संभव हो पाता.

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सरकारी सुविधाओं से वंचित है पीड़ित परिवार

सबसे बड़ी बात यह है कि सभी तरह से पात्र होने के बावजूद पीड़ित परिवार सरकार की सभी योजनाओं से वंचित है. परिवार को अब तक न तो आवास का लाभ मिला और न ही अंतोदय कार्ड व आयुष्मान कार्ड ही बन पाया. कही न कही सिस्टम पर सवाल खड़ा कर रहा है.

क्या बोले जिम्मेदार

एसडीएम तमकुही राज विकास चंद ने कहा कि पीड़ित से जानकारी मिलने पर मैंने खंड विकास अधिकारी सेवरही, अधीशासी अधीकारी तमकुहीराज, पूर्ती अधिकारी सहित तमाम अधिकारियों से वार्ता किया है. तत्काल आयुष्मान कार्ड बनाकर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.

सीएचसी प्रभारी तमकुहीराज डॉक्टर अमित राय से इस संबंध में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया मुझे इसकी जानकारी नहीं थी. स्वास्थ्य टीम भेज कर जांच कराई गई है. आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

अमित सिंह अधिशासी अधिकारी तमकुही राज ने बताया मुझे इसकी जानकारी नहीं थी. पीड़ित परिवार से मिल कर उसकी समस्याओ से अवगत होउंगा. नगर पंचायत की ओर से जो भी सरकारी योजनाओं का लाभ उसे संभव हो सकेगा दिया जाएगा.

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