बच्चे को जन्म देने के साथ मां का एक नया जन्म होता है. इस कहावत में कोई दो राय नहीं है. हालांकि, इस दौरान मां का केवल नया जन्म ही नहीं बल्कि उनके एक नए जीवन की शुरुआत भी होती है. बच्चे के जन्म के बाद उनकी देखभाल में सारी सारी रात जागना, अपनी पुरानी lifestyle से आदतों को छोड़कर पूरे दिन उनकी देखभाल में लगे रहना जीवन में एक बड़ा बदलाव लाता है. जिसे कुछ महिलाएं आसानी से अपना लेती हैं तो कुछ महिलाओं को इस नई जिंदगी की शुरुआत करने में काफी परेशानियां उठानी पड़ती है.

बच्चे के साथ-साथ मां की सेहत को एक उचित देखभाल की आवश्यकता होती है जिसमें महिलाएं अक्सर चूक जाती हैं, जिसकी वजह से कई सारी स्वास्थ्य परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि डिलीवरी के बाद बच्चे के साथ-साथ खुद की देखभाल कैसे करना है.

डिलीवरी के पहले हफ्ते शरीर को दें पर्याप्त आराम

डिलीवरी पीरियड में हॉस्पिटल के चक्कर लगाते हुए और दर्द के कारण हो सकता है आप कई रातों से अच्छी तरह से सो नहीं पाई हों. वहीं अब जब तक बच्चा थोड़ा बड़ा नहीं हो जाता तब तक आपकी रात की नींद उड़ी रहती है. ऐसे में अपनी सेहत को ध्यान में रखते हुए डिलीवरी के बाद के पूरे हफ्ते पर्याप्त नींद लेने की कोशिश करें. कुछ देर अपने पार्टनर या परिवार के अन्य सदस्य से बच्चे की देखभाल करने कहे और खुद आराम कर लें. ऐसा करने से आपको रिकवरी में मदद मिलेगी. नहीं तो डिलीवरी के बाद बरती गई छोटी सी लापरवाही आपके लिए बड़ी परेशानियां खड़ी कर सकती है.


डाइट का रखें विशेष ध्यान
डिलीवरी के बाद रिकवर होने और खुद को हील करने के लिए हेल्दी डाइट मेंटेन करना बेहद महत्वपूर्ण है. भरपूर मात्रा में अनाज, फल और सब्जियों का सेवन करें. साथ ही प्रोटीन लेना जरूरी है. इतना ही नहीं आपको फ्लूइड इंटेक भी बढ़ाने की आवश्यकता होती है, खासकर यदि आप ब्रेस्टफीडिंग करवा रही हैं तो आपको खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए. यह सभी आपकी पोस्टपार्टम रिकवरी को आसान बना देंगे और आप जल्द से जल्द वापस से फिट महसूस करने लगेंगी.

मदद मांगने से न हिचकिचाएं

बच्चे के जन्म के बाद बच्चे के साथ मां की देखभाल भी बेहद जरूरी है, ताकि वे जल्द से जल्द रिकवर हो सकें. ऐसे में महिलाओं को परिवार और दोस्तों से मदद लेने से हिचकिचाना नहीं चाहिए. पोस्टपार्टम पीरियड में आपको लोगों की आवश्यकता होती है. आवश्यकता पड़ने पर चाहे बच्चे का डायपर बदलना हो या बच्चे के लिए खाना तैयार करना हो, वहीं भूख लगने पर या किसी चीज की आवश्यकता होने पर परिवार के सदस्यों से खुलकर मदद मांगे. इस दौरान आपको सबसे अधिक आवश्यकता अपने पार्टनर की होती है, डिलीवरी के बाद कम से कम 7 दिन तक उन्हें अपने साथ रहने को कहें.


कुछ देर शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने का प्रयास करें

सभी डॉक्टर एक्सरसाइज और योग को डिलीवरी के कुछ हफ्तों के बाद से शुरू करने की सलाह देते हैं. ऐसे में डिलीवरी के पहले हफ्ते स्थाई रूप से बैठी न रहें, आराम करने के साथ-साथ शरीर को थोड़े समय के लिए एक्टिव रखने का प्रयास करें. आप चाहे तो खुले वातावरण में जैसे कि अपने गार्डन में वॉक कर सकती हैं. यदि गार्डन नहीं है तो घर के अंदर टहलने का प्रयास करें. इसके अलावा पूरे दिन में जब भी आपको थोड़ा बेहतर महसूस हो तो परिवार के सदस्यों के साथ बैठकर हंसी ठिठोली कर सकती हैं, क्योंकि पोस्टपार्टम डिप्रेशन आपको किसी भी वक्त अपना शिकार बना सकता है. इन गतिविधियों में भाग लेने से आपके ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और आप जल्दी रिकवर कर पाएंगी.


भारी सामान उठाने और सीढ़ियां चढ़ने से बचें

जिस प्रकार प्रेगनेंसी में आपको छोटी-छोटी गतिविधियों पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है ठीक उसी प्रकार डिलीवरी के कुछ समय बाद तक इन्हें दिमाग में रखना महत्वपूर्ण होता है. डिलीवरी के तुरंत बाद भूल कर भी भारी सामान न उठाएं, खासकर यदि सी सेक्शन डिलीवरी हुई है तो इस गतिविधि से पूरी तरह परहेज करें. इसके अलावा डिलिवरी के बाद कम से कम 7 दिन सीढ़ियां चढ़ने से बचें, मजबूरी में जितनी हो सके उतनी कम सीढ़ियां चढ़े कोशिश करें कि आप इसे अवॉइड कर सकें। इन गतिविधियों पर ध्यान देते हुए आप अपने रिकवरी को आसान बना सकती हैं.