(सुधीर दंडोतिया की कलम से)
प्रवक्ताओं को चाहिए पीक टाइम
प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में इन दिनों पीक टाइम की चर्चा जोरों पर है. कारण है वरिष्ठ से लेकर कनिष्ठों को कार्यालय में बैठक का समय पीक अवर्स में चाहिए. ये समय तय करवाने के लिए प्रवक्तागण संगठन स्तर पर कई तरह के जतन करते नजर आते हैं. दरअसल, इन नेताओं का मानना है कि जब पार्टी कार्यालय में उपस्थिति दर्ज कराना ही है तो ऐसे समय कराई जाए जब मीडिया के कैमरों पर सबसे अधिक पूछ-परख होती है. क्योंकि ऑफ अवर्स में कार्यालय में बैठना, न बैठना एक जैसा ही है.
देशभक्ति के बहाने दावेदारी का शक्ति प्रदर्शन
चुनावी मौसम में दावेदारों के लिए स्वतंत्रता दिवस कुछ ज्यादा ही खास रहने वाला है. कारण है मध्य प्रदेश के दोनों प्रमुख दलों के दावेदारों पर इस बार देशभक्ति का रंग कुछ ज्यादा ही सिर चढ़कर बोलने वाला है. ऐसे नेताओं ने अपने-अपने इलाकों में 15 अगस्त के बडे़ आयोजन करने की तैयारी की है. कोई सभा आयोजित कर स्वतंत्रता दिवस मनाएगा तो किसी ने क्षेत्र में बाइक रैली निकालने की तैयारी की है. खास बात ये है कि आजादी के महोत्सव के बीच मिठाइयों की दुकानों पर बूंदी के लडडुओं की डिमांड भी जमकर है.
रिटायरमेंट की पार्टी में चला टमाटर की दावत का दौर
भवनों का नक्शा पास करने वाले नगर निगम के विभाग के एक अफसर की पिछले दिनों हुई रिटायरमेंट पार्टी में सबसे अधिक चर्चा का विषय टमाटर रहा. पार्टी के बीच रिटायर हो रहे महाशय ने तो टमाटर के व्यंजनों से दूरी बनाई रखी, लेकिन पार्टी में शामिल हुए अतिथियों ने ग्रीन सलाद, पनीर टिक्का, मशरूम टिक्का और लबाबदार पनीर में से टमाटर ऐसे चुन-चुन कर खाया, जैसे दूध और पानी के मिश्रण में से हंस दूध-दूध का सेवन कर रहा हो. देर रात तक चली इस पार्टी में आयोजक भी टमाटर की खूब चर्चा करते नजर आए.
ठिकाने लगाने का खेल चल रहा है
किसी भी राजनीतिक दल के मीडिया विभाग का कार्य होता है कि वो अपनी पार्टी के कार्यक्रमों की जानकारी प्रेस के जरिए जनता तक पहुंचाए, लेकिन कांग्रेस मीडिया विभाग में इस वक्त निपटाने का खेल चल रहा है. एक गुट दूसरे गुट के खिलाफ निपटाने की स्क्रिप्ट लिख रहा है. कुछ दिन पहले एक नेताजी की प्रेस कॉन्फ्रेंस होनी थी. टाइम तय था, विषय तय था. लेकिन पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस का समय कुछ और भेज दिया गया और नेताजी को कुछ और. मीडिया प्रेस काॅन्फ्रेंस शुरू होने का इंतजार करता रहा. नेताजी अपने तय समय पर कार्यालय आए तो जानकारी लगने पर गुस्से से लाल हो गए. वो कार्यकर्ताओं से कहते नजर आए कि यहां एक-दूसरे को ठिकाने लगाने का खेल चल रहा है.
चर्चा जोरों पर
कांग्रेस के अंदर टिकट के दावेदारों के बीच एक खबर काफी तेजी से फैल रही है कि कमलनाथ ने करीब 100 नेताओं को बुलाकर कह दिया है तैयारी में जुट जाएं, टिकट आपको ही मिलेगा. ये खबर टिकट के दावेदारों के बीच आग की तरह फैल गई. सब एक-दूसरे से पता लगाने में जुटे हुए हैं कि हरी झंडी किस-किस को मिली है. खबर है कि कुछ दावेदारों को पता लग गया है कि मेरे विरोधी को टिकट मिलने जा रहा है. टिकट मिलने से पीछे रह रहे नेताजी अब सामने वाले के खिलाफ सबूत जुटाने में जुटे हुए हैं, ताकि उनकी गोटी फिट हो जाए और सामने वाले का खेल खराब हो जाए. अब देखना होगा कि ये टिकट का खेल और क्या-क्या नहीं करवाता.
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