मुकेश मेहता, बुधनी (सीहोर) प्राकृतिक सौंदर्य के बीच बारिश के महीने में चारों और हरियाली बिखरी हुई है, घटाएं पहाड़ों के नजदीक से होकर गुजर रही है। यह नजारा मन को मोह लेता है। इस प्राकृतिक दृश्य को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में भक्तजन पहुंचते हैं साथ ही भगवान शिव के दर्शन व अभिषेक करके अपने आप को धन्य करते हैं। सावन का  माह भगवान भोलनाथ का महीना माना जाता है। इस महीने बारिश में पहाड़ों से झरने फूट पड़ते हैं और प्रकृति खुद भोलेनाथ का अभिषेक करती है। भगवान शिव के अनेक रूपों में एक टपकेश्वर महादेव का भी अभिषेक सावन महीने में बड़े अनोखे तरीके से होता है। 

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मध्यप्रदेश के बुधनी विधानसभा की रेहटी तहसील में मौजूद टपकेश्वर महादेव मंदिर की ख़ासियत है कि यहां जितनी ज़ोर से भगवान भोले का जयकारा लगाया जाता है, उतनी ही तेज़ी से गुफा में से शिवलिंग पर जल टपकता है। सावन ही नहीं साल के बारह महीने यहां प्रकृति भगवान शिव का अभिषेक करती रहती है। यह पहुंचने के लिए रेहटी बुधनी मार्ग पर नकटीतलाई से जंगल में 6 किलोमीटर पैदल चल कर पहुंचा जाता है। 

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स्थानीय नागरिकों ने बताया कि यहां भयंकर गर्मी के दिनों में पहाड़ों से पानी रिसता रहता है। इस पानी से नित्य-निरंतर भगवान भोले का अभिषेक होता रहता है। टपकते हुए पानी से भगवान का अभिषेक होने के कारण इनका नाम टपकेश्वर महादेव पड़ गया। यहां साल के बाहर महीने श्रद्धालु अभिषेक-पूजन करने आते ही रहते हैं।

हालांकि यह पानी का स्रोत कहां से आता है, यह बात आज तक रहस्य बनी हुई है। यहां चट्टानों से बनी गुफा की विशेषता देखते ही बनती है। यहां विशेष पूजा-अर्चना यूं तो पूरे वर्ष चलती रहती है, लेकिन महाशिवरात्रि और सावन में इस स्थान का महत्व और बढ़ जाता है। यह गुफा दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में पांच किलोमीटर अंदर पहाड़ी में होने के कारण इस गुफा में सैकड़ों सिद्ध संत महात्मा पूजा, अर्चना करते हुए कई सिद्ध महात्माओं ने यहां तपस्या करके सिद्धियां प्राप्त की हैं।

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टपकेश्वर महादेव मंदिर बुधनी के नकटीतलाई गांव से क़रीब 5-6 किलोमीटर दूर विध्यांचल पर्वतों की पहाड़ियों में बीचों-बीच स्थापित है. हालांकि, मंदिर जाने के लिए भक्तों को दुर्गम पहाड़ी रास्तों से होकर जाना पड़ता है। मां बिजासन देवी धाम सलकनपुर से कुछ दूरी पर दुर्गम पहाड़ी में एक चैतन्य महादेव की गुफा है, उसी जगह टपकेश्वर महादेव विराजमान है।

वैसे तो यहां हर मौसम में भक्तों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन सावन माह और बारिश में यहां जाने का विशेष आनंद है। प्राकृतिक सुंदर छटा आसमान की ऊचाईयों को छूती पहाड़ियां किसी का भी मन मोह लेती है। हरी-भरी घास में लिपटे खूबसूरत पहाड़, झरने, नदियों का मनोरम दृश्य यहां आने वाले भक्तों को आकर्षित कर लेता है। अब तो यह स्थान पिकनिक स्पॉट भी बनता जा रहा है।   शिवरात्रि पर टपकेश्वर महादेव धाम में एक दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है। वही टपकेश्वर महादेव मंदिर के आसपास क्षेत्र के ग्रामीण द्वारा संयुक्त रूप से भंडारे का आयोजन किया जाता है। इस भंडारे में खीर, फलाहार वितरित किया जाता है।  

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