संदीप सिंह ठाकुर,मुंगेली. अचानकमार टाइगर रिजर्व की सुरक्षा में सेंध का मामला सामने आया है. घटना से जंगली जानवरों की सुरक्षा के साथ-साथ जंगल की सुरक्षा पर भी सवालिया निशान लग गया है. हाल ये है कि पेड़ों की अवैध कटाई जोरों पर है. लकड़ी तस्कर बेख़ौफ़ होकर इमारती लकड़ियों की कटाई कर रहे हैं वहीं वन अधिकारी और स्थानीय विधायक की माने तो जंगल में कहीं कोई कटाई नहीं हो रही है, जंगल पूरी तरह सुरक्षित है. जब संवाददाता ने इन दावों की जमीनी हकीकत की पड़ताल की तो उनके दावों के उलट तस्वीर कुछ और ही नजर आई. अचानकमार में जंगल की सुरक्षा के लिए 35 बैरियर लगाए गए हैं. इतने विस्तृत क्षेत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी लगभग 500 गार्डों के हवाले थी लेकिन उनमे से ज्यादातर की सेवाएं समाप्त कर दिए जाने से  जंगल की सुरक्षा में सेंध लगती नजर आ रही है.

सरकार जहां एक ओर पर्यावरण को बचाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर पेड़ लगा रही है. लोगों को पेड़ लगाने और उनकी सुरक्षा के लिए जागरूक करने की तमाम योजनाएं भी चला रही है. वहीं दूसरी ओर मुंगेली जिले के अचानकमार टाइगर रिजर्व में कई सौ साल से लगे शाल, सागौन और सरई के इमारती पेड़ों की कटाई तस्करों के द्वारा धड़ल्ले से की जा रही है. जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. जंगल की सुरक्षा में लगे 213 गार्डों को हटाए जाने से अब जंगल की सुरक्षा भगवान भरोसे है.

गौरतलब है कि इन गार्डों के भरोसे जंगल सुरक्षित था. पैदल गार्डों और स्पेशल टास्क फोर्स के जवानों की छंटनी के बाद जंगल की सुरक्षा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अचानकमार में प्रवेश करने वाले बैरियरों पर किसी प्रकार की सुरक्षा का कोई बंदोबस्त नहीं है, इन बैरियरों पर कोई भी गार्ड न होने से लकड़ी तस्कर बेख़ौफ़ होकर जंगलो में जाते हैं और सैकड़ों साल पुरानी इमारती लकड़ियों की कटाई बिना किसी रोक टोक के करते हैं.

जब संवाददाता अचानकमार क्षेत्र के बीट क्रमांक 119,113,116,117 के जंगलो में पहुंचा तो देखा कि यहाँ पेड़ों की अवैध कटाई जारी है, लकड़ी तस्कर इतने बड़े और भारी पेड़ों को जंगल के बाहर नहीं ले जा सकते इसलिए उन्होंने नया तरीका ईजाद किया है. अब वे जंगल के अंदर ही पेड़ों का सिलपट बनाते हैं, जिससे उन्हें लकड़ी जंगल के बाहर ले जाने में आसानी हो. इस तरीके से वे बड़े आराम से कीमती लकड़ी जंगल से पार कर देते हैं. इस बारे में पूर्व पैदल गार्ड रत्नाकर राजपूत, प्रेमलाल साहू और लोरमी कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष सागर सिंह का कहना है कि जंगल में इन दिनों पेड़ों की अवैध कटाई जोरों पर है साथ ही यहां जंगली जानवरों का अवैध शिकार भी धड़ल्ले से किया जा रहा है. इनका कहना है कि नये डिप्टी डायरेक्टर के आने के बाद से ही बजट के अभाव की स्थिति पैदा हुई है, जो शासन की मंशा पर सवाल खड़े करता है.

पैदल गार्ड और स्पेशल टास्क फोर्स के सदस्यों की छंटनी के बाद हो रही लकड़ी की तस्करी व जानवरों के शिकार के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इस बारे में जब जिले की कलेक्टर नीलम नामदेव एक्का से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि इस मामले का जवाब डिप्टी डायरेक्टर देंगे. इसके बाद विभाग के डिप्टी डायरेक्टर मनोज पांडे से बात की गयी तो उन्होंने अवैध कटाई की बात को सिरे से नकार दिया, उनका कहना है कि जंगल में किसी तरह की कोई अवैध कटाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि 213 गार्डों को निकाले जाने के बाद भी हमारे पास 300 गार्ड हैं. अचानकमार में 35 बैरियर हैं जिनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी इन्हीं गार्डो को दी गई है.

इस बारे में स्थानीय विधायक तोखन साहू का कहना है कि अवैध कटाई की कहीं से कोई शिकायत नहीं मिली है अगर शिकायत मिलती है तो उस पर कार्रवाई की जायेगी. उधर गार्डों को निकाले जाने के मामले पर वन मंत्री ने कहा कि जल्द ही उनके वेतन के लिए राशि आवंटित कर उन्हें वापस काम पर रखा जायेगा. अचानकमार के जंगलो में हो रही कटाई के मामले में विभाग के वरिष्ठ अधिकारी आंनद मसीह भी उच्च अधिकारियों और विधायक के सुर में सुर मिलाते नजर आये और मामले की जाँच कराकर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।