सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर. आजादी की एक झलक पाने के लिए न जाने कितने लोग मौत की गोद में सो गए. ऐसे बहुत से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हैं, जिनके नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज नहीं हुए हैं, लेकिन रायपुर निवासी संतोष नायडू पहचान दिलाने की कोशिश में जुटे हुए हैंं.

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बता दें कि संतोष नायडू ने छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का डाटा एकत्रित किया है. जहां उनकी मांग है कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जीवनी पर एक किताब लिखी जाए और उसकी जानकारी प्रदेश भर के बच्चों को हो.

संतोष बताते है कि उन्होंने छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का पूरा जीवन परिचय खंगाला है. इसकी जानकारी जुटाने के लिए उन्होंने बहुत सारी जगहों का भ्रमण भी किया. सेनानी परिवारों से जानकारी भी प्राप्त की. नायडू 2013 से छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आंकड़े जुटा रहे हैं और अभी उनके पास 114 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आंकड़ें हैं.

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बता दें कि छत्तीसगढ़ में ऐसे 809 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी है, जिनके आंकड़े संतोष जुटाना चाह रहे हैं. संतोष बताते है कि सेनानियों की सूची राजभवन से भी मंगाई गई है. जब वे राज्यपाल से मुलाकात करेंगे तो यह मांग भी करेंगे कि सेनानियों की जीवनी पर एक किताब प्रकाशित हो, जिससे प्रदेश की जनता उनके योगदानों को याद कर सकें.

संतोष बताते हैं कि जब से वे स्कूल में पढ़ रहे थे, तब से ही देश की आजादी को लेकर एक खास लगाव था. उनके पिता भी एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. संतोष हर वर्ष महात्मा गांधी की जयंती पर उपवास रखते हैं. सेनानियों का डाटा एकत्रित कर संतोष सेनानी परिवारों की मदद भी करना चाहते हैं.

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संतोष बताते है कि काफी सेनानी परिवारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. जिन लोगों ने देश की आजादी के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया. ऐसे परिवारों को शासन की ओर से मदद मिलनी चाहिए.

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