रायपुर। हो सकता है कि अगले चुनाव में वोटर आईडी के लिए आधार अनिवार्य कर दिया जाए. दरअसल, चुनाव आयोग इस पर विचार कर रहा है. इस बात की जानकारी छत्तीसगढ़ के मुख्य चुनाव अधिकारी सुब्रत साहू ने दी.

फ़र्जी मतदान रोकने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहम्मद अकबर ने जुलाई 2017 में चुनाव आयोग को आवेदन दिया था कि चुनाव में आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया जाए. इसी आवेदन को लेकर जब सुब्रत साहू से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस सुझाव को चुनाव आयोग को भेज दिया गया है जिस पर वो विचार करके फैसला करेगी.

दरअसल, चुनावों के दौरान होने वाले फर्जी मतदान को रोकने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर विभिन्न उपाय किये जाते रहे हैं. राजनैतिक दलो द्वारा भी आयोग को सुझाव भेजे जाते हैं. जिससे चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र हो सकें. इन्हीं सुझावों में एक सुझाव था आधारकार्ड को मतदाता परिचय पत्र से लिंक करना. जिसका सुझाव अकबर ने दिया था. कई फर्जी मतदान का हवाला देते हुए कहा था कि यदि मतदाता परिचय पत्र से आधारकार्ड को लिंक किया जाता है तो इससे फर्जी मतदान को रोका जा सकता है. उन्होंने इसके लिए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 में संशोधन करके मतदान के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य करने का सुझाव दिया था.

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हालांकि यूनिक आइंडेटिफिकेशन कार्ड यानि ‘आधार’ का विचार जब सामने आया था तो इसका मूल मकसद था कि तमाम तरह के अलग-अलग पहचान पत्र की जगह एक पहचान पत्र की व्यवस्था लागू किया जाए. अब जबकि आधार ज़्यादातर सेवाओं के लिए अनिवार्य कर दिया गया है. तो ज़ाहिर है, इसे लागू करने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए. सरकार के पास एक से सवा साल का वक्त है जिसमें वो बचे हुए नागरिकों का आधार कार्ड बनवा सकती है.