चंडीगढ़, पंजाब। बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के अपमान को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार विवादों के घेरे में है. अब डैमेज कंट्रोल के लिए स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा का मंत्रालय बदला जा सकता है. वहीं ऐसे भी कयास लगाए जा रहे हैं कि जौड़ामाजरा की छुट्‌टी भी की जा सकती है, क्योंकि हिमाचल प्रदेश के चुनाव इसी साल होने वाले हैं और मंत्री के हाथों अपमानित हुए VC डॉ राज बहादुर हिमाचल प्रदेश के ही रहने वाले हैं. अगले विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी यहां पूरा दमखम लगा रही है. इस साल आम आदमी पार्टी को अपनी एकमात्र लोकसभा सीट भी गंवानी पड़ी थी. संगरूर लोकसभा सीट पर सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस का पूरा प्रभाव देखा गया और आप को हार का सामना करना पड़ा, जबकि विधानसभा चुनाव में 92 सीट लाकर आप ने राज्य में सरकार बनाई.

कुलपति राज बहादुर ने सीएम भगवंत मान को भेजा था इस्तीफा

इधर घटना के बाद देश के शीर्ष ऑथोर्पेडिक सर्जनों में से एक और बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के कुलपति राज बहादुर ने शनिवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान को अपना इस्तीफा भेज दिया था. राज बहादुर ने शुक्रवार को फरीदकोट में गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के दौरे के दौरान स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा द्वारा अपमान का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था.

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कुलपति को मरीज के गंदे गद्दे पर लेटने को किया गया था मजबूर

बता दें कि बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (बीएफयूएचएस) के कुलपति राज बहादुर को एक अस्पताल में गंदे गद्दे पर लेटने के लिए मजबूर करने की वजह से पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा को आलोचना का सामना करना पड़ा है. इस घटना के बाद राज बहादुर (71 वर्षीय) ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से उन्हें सेवामुक्त करने की अपील की.

हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं डॉ राज बहादुर

डॉ. राज बहादुर एशिया के बेस्ट स्पाइनल सर्जन में से एक हैं. वह मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के ऊना के रहने वाले हैं. उन्होंने स्पाइनल की पहली सर्जरी भी 1976 में शिमला में की थी. वह 2 साल ब्रिटेन में भी काम कर चुके हैं. 1984 से वह लगातार स्पाइनल और जॉइंट हिप रिप्लेसमेंट की सर्जरी कर रहे हैं. अब तक वह 15 हजार से ज्यादा सर्जरी कर चुके हैं. वह 45 साल में 13 बड़े हेल्थ इंस्टीट्यूशंस में काम कर चुके हैं.

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सीएम भगवंत मान भी खफा

इधर स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा के इस कृत्य से सीएम भगवंत मान खुश नहीं हैं. वाइस चांसलर को त्वचा विभाग के मरीज के फटे-गंदे गद्दे पर लिटाने के बाद वह सीएम से मिलने भी आए थे, लेकिन सीएम भगवंत मान ने जौड़ामाजरा से मुलाकात नहीं की. वाइस चांसलर विवाद के बाद आम आदमी पार्टी का IT सेल एक्टिव हो गया. वह लगातार वीसी राज बहादुर की निष्क्रियता और कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं. हालांकि डॉक्टरों का दबाव सरकार पर बढ़ रहा है. इसकी बड़ी वजह यह है कि अगर मंत्री को कुछ कमी नजर आई भी, तो उनका 71 वर्षीय वीसी के साथ ऐसा व्यवहार ठीक नहीं था.