प्रदीप गुप्ता, कवर्धा. भारत साल 2030 में कैसा हो, इसके लिए एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर अभिलाष श्री और पंकज मल साइकिल यात्रा पर निकले हैं और वे अपनी इस यात्रा के दौरान 3 हजार किमी की यात्रा कर युवकों को भविष्य निर्माण के लिए जागरूक कर रहे है.

गुजरात के कच्छ जिले से शुरू हुई उनकी यात्रा ओडिसा के पुरी तक 30 दिन में पूरा करने का लक्ष्य रखा है. इन दोनों ने अब तक 2 हजार किमी से ज्यादा की दूरी तय की है. इस यात्रा के दौरान दोनों युवक अलग अलग रास्ते से अपनी यात्रा पर हैं. जागरूकता यात्रा के दौरान एक युवक जहां कच्छ से ओडिसा की ओर निकला है, तो वहीं दूसरा युवक कच्छ से छत्तीसगढ़ होते हुए यात्रा कर रहा है. रास्ते भर इंजीनियर स्कूल व कालेजों में रूककर युवकों को इंजीनियरिंग व डाक्टरी के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी भविष्य निर्माण के लिए टिप्स दे रहे है.

अभिलाष श्री और पंकज मल दोनों तीन हजार किमी की यात्रा कर युवाओं को स्वरोजगार एवं भविष्य निर्माण के प्रति जागरूक कर रहे हैं. अभिलाष गुजरात के कच्छ से मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ होते हुए अभिलाष ओडिसा के पूरी तक यात्रा करेंगे, जबकि पंकज मल गुजरात से होते यूपी, बिहार तथा ओडिसा को कवर करते हुए पूरी में पहुंचेगें. जहां दोनों की एक दूसरे से मुलाकात होगी.

दोनों ने पहले भी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के उद्देश्य से सायकिल यात्रा की थी. इस बार उन्होंने 2030 का भारत कैसा हो, इसके लिए तीन हजार किमी की यात्रा कर रहे हैं. दोनों एक ही कंपनी में काम करते हैं. जो कंपनी से एक माह की छुटटी लेकर अपनी यात्रा कर युवाओं को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं.

अभिलाष ने बताया कि इस यात्रा के दौरान उन्हें कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. कभी धूप तो कभी पानी, तो कभी साइकिल का खराब होना भी बड़ी समस्या रहती है लेकिन सभी समस्याओं को पार करते हुए उन्होंने भारत निर्माण के लिए अपनी यात्रा जारी रखी है.