पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. अनियमितता और गड़बड़ियों के चलते लगातार सुर्खियों में रहने वाला गरियाबंद का शिक्षा विभाग एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. इस बार मामला 9 साल से अनुपस्थित शिक्षक को ज्वाइनिंग देने का है. गरियाबंद ब्लॉक के नवागढ़ प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षाकर्मी गैंद लाल ध्रुव सरकारी रिकार्ड के मुताबिक 1 नवंबर 2014 से अनुपस्थित था. जिसे 3 मार्च 2023 में पुनः उसी शाला में जिला शिक्षा अधिकारी डी एस चौहान ने कार्यभार ग्रहण करने का आदेश जारी किया है. अब इस आदेश को संभागीय संयुक्त संचालक के. कुमार ने नियम के खिलाफ मानकर डीईओ चौहान को कारण बताओ नोटिस जारी कर दो दिन के भीतर जवाब देने कहा है.

इसलिए एक्शन पर आए जेडी
सरकारी रिकार्ड के मुताबिक, 1 नवम्बर 2014 से बगैर किसी लिखित कारण के अनुपस्थित शिक्षाकर्मी सहायक शिक्षक एलबी बन गया. 2014 से 2018 के बीच नियमितिकरण, संविलियन और वेतन वृद्धि की प्रक्रिया चली, लेकिन अनुपस्थित शिक्षक की उपस्थिति प्रक्रिया के कागजों में कैसे दिखता रहा. कार्य में अनुपस्थित शिक्षक के खिलाफ क्यों कोई कार्रवाई नहीं हुई. नियमितिकरण जैसे फाइलों में भी आसानी से नाम चढ़ जाना विभाग के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है. क्या अब शुरू हुए विभागीय जांच में पिछले कारनामों से पर्दा उठ पाएगा.

डीईओ चौहान द्वारा जारी आदेश की प्रति में 9 साल से अनुपस्थिति का कारण मानसिक रोग बताया गया है. ज्वाइन के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने का जिक्र तो है पर अनाधिकृत अनुपस्थिति के लिए मेडिकल लिव या कोई वैधानिक दस्तावेज का जिक्र नहीं है. नियम और निर्देश की मानें तो इन परस्थिति में कार्यभार के बजाए कार्रवाई किया जाना था. ऐसे में डीईओ चौहान के इस दरियादिली पर सवाल उठना लाजमी है.

3 साल की अनुपस्थिति, सेवा समाप्ति का प्रावधान
जेडी कार्यालय से 13 अप्रैल को जारी कारण बताओ नोटिस के मुताबिक शिक्षक गैंद लाल ध्रुव की अनाधिकृत अनुपस्थिति के लिए उसके खिलाफ अनुशानात्मक कार्रवाई किया जाना था. शासन द्वारा 2 फरवरी 2000 को जारी नियम के मुताबिक लगातार 3 वर्ष की अवधि से अनुपस्थित कर्मी की सेवा स्वमेव समाप्त मानी जानी थी. समय-समय पर जारी निर्देशों का उल्लंघन कर कार्यभार ग्रहण कराया जाने को सिविल सेवा आचरण का उल्लंघन मान जेडी ने यह नोटिस थमाया है.

ज्वाइनिंग के बाद विभागीय जांच शुरू
मामले में डीईओ डी एस चौहान ने कहा कि, अक्टूबर 2018 में गैंद लाल शिक्षाकर्मी से सहायक शिक्षक एलबी बनाया गया था. मेरे ज्वाइन से पूर्व ही दिसंबर 2022 में कार्यभार ग्रहण करने फाइल चलाई गई थी. अनुपस्थित का कारण स्वास्थगत समस्या बताया गया, फिर मेडिकल प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया है. जिसमे कार्य करने में सक्षम दर्शाया गया. इसी के आधार पर 3 मार्च 2023 को कार्यभार ग्रहण करने का आदेश जारी किया गया है. चूंकि 2014 से अनुपस्थित था, गैर मौजूदगी में कार्रवाई संभव नहीं थी. अब उसे ज्वॉइनिंग देने के साथ-साथ उसके खिलाफ विभागीय जांच का आदेश दिया गया है. जेडी कार्यालय का अब तक कोई पत्र नहीं आया है. आते ही विधिवत जवाब प्रस्तुत कर दिया जाएगा.

विभाग के इन आदेशों की भी चर्चा राजधानी तक
शिक्षा विभाग में हो रहे कारनामें किसी से छुपा नहीं रहा. विगत 3 साल में तीन अफसर बदलकर सरकार सुधार का केवल प्रयोग करती रही, पर जिले में विभाग की छवि में सुधार नहीं आया. पिछले 5 माह में विभाग के कई कारनामे सुर्खियों में रहा, जिसमें सबसे ज्यादा किरकिरी प्रधानपाठक पदोन्नति में हुआ. काउंसलिंग के दरम्यान ऐसे स्कूलों के नाम सूची से विलोपित कर बाद में चहेतों को आबंटित करने के आरोप लगे. यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ने भारी लेन देन का आरोप लगाकर विधायक से लेकर प्रभारी मंत्री तक इसकी शिकायत भी की. यहां तक मामले में धरना प्रदर्शन की चेतावनी भी दी. फिर मामला टांय-टांय फिस हो गया. चुरकी दादर के शिक्षक पर छात्रों के साथ अभद्र व्यवहार करने वाले शिक्षक पर अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं होना या फिर फिंगश्वर ब्लॉक के शिक्षक उमेंद कुमार साहू का नियम के विरुद्ध तबादले के बाद एक जारी आदेश की चर्चा ने शिक्षा विभाग के सिस्टम पर कई सवाल खड़े कर गया है.