हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर के परदेशीपुरा स्थित सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग मानसिक रूप से अविकसित बालगृह का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें दिव्यांग बच्चों से झाड़ू पोंछा, चेंबर की सफाई और रोटी तक बनवाई जा रही है। पूरे मामले में अधीक्षक का कहना है कि मेरी ड्यूटी शाम 6 बजे तक रहती है उसके बाद का यह वीडियो होगा।

READ MORE: ‘एविएटर’ गेम की लत बनी जानलेवा: भोपाल में ठेकेदार ने फांसी लगाकर दी जान, 30 लाख रुपए गंवाए, सुसाइड नोट में किया उधार और कर्ज का जिक्र

इंदौर के परदेशीपुरा स्थित सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग मानसिक रूप से अविकसित बालगृह में कुल 43 दिव्यांग बच्चे रहते है, जिनके खाने पीने से लेकर पढ़ाई की जिम्मेदारी अधीक्षक नीता कुचरिया की रहती है। मगर अधीक्षक के रहते दिव्यांग बच्चे जो कि अभी 6 से 12 साल के ही है, उनसे झाड़ू पोंछा लगवाया जा रहा है, चेंबर साफ करवाया जा रहा, इतना ही नहीं रोटी भी दिव्यांग बच्चों से ही बनवाई जा रही है।  

READ MORE: भोपाल में 7 साल की मासूम के साथ बैड टच: आरोपी पार्क में खेल रही बच्ची को टॉफी का लालच देकर ले गया घर, फिर किया गलत काम   

वहीं पूरे मामले में जब अधीक्षक नीता कुचलिया से बात की गई तो उनका जवाब सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। अधीक्षक का कहना है कि मेरी ड्यूटी शाम 6 बजे तक रहती है, यह वीडियो उसके बाद का होगा। चलिए वीडियो शाम 6 बजे के बाद का होगा। मगर जिम्मेदारी तो अधीक्षक नीता कुचलिया की ही बनती है कि बच्चों से इस तरह से काम ना करवाया जाए जो कि पहले से ही अपनी जिंदगी से परेशान है और इस तरह से काम करवाकर दिव्यांग बच्चों को टार्चर किया जा रहा है। बहरहाल इस तरह से दिव्यांग बच्चों से झाड़ू पोंछा, चेंबर साफ करवाना और रोटी बनवाना कहा तक उचित है। 

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H