रायपुर.  रेरा में रजिस्ट्रेशन ना कराने वाले प्रोजेक्ट्स पर रेरा अब सख्त हो गया है. इसके लिए रेरा ने 31 मई तक प्रोजेक्टस के रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाले पर पैनाल्टी लगाने का फैसला लिया है. इसके लिए रेरा ने एक विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी है. जिसमें उल्लेखित किया है कि भू-संपदा विनियमन और विकास अधिनियम 2016 की धारा 31 में प्रमोटर्स द्वारा रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को रेरा में प्रचलित पंजीकृत किए बिना यथास्थिति किसी प्लांट अपार्टमेंट या भवन या उसके किसी भाग को किसी भी स्थिति में विज्ञापित विपरीत बुकिंग  विक्रय का ऑफर नहीं करना करने संबंधी प्रावधान है.

इसके परंतुक में ऑन गोइंग प्रोजेक्ट्स के रजिस्ट्रेशन हेतु अधिनियम के प्रारंभ की तिथि के तिथि से 3 माह की अवधि अर्थात 31 जुलाई 2017 के भीतर प्रमोटर्स द्वारा विधिक प्राधिकरण के आवेदन प्रस्तुत करने संबंधी प्रावधान भी स्पष्ट वर्णित है.

इसके तहत छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण की स्थापना के पूर्व छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत करने हेतु वैकल्पिक व्यवस्था प्रदान की गई थी.  रेरा द्वारा भी अपनी स्थापना के तुरंत पश्चात फरवरी 2018 से रजिस्ट्रेशन की कार्रवाई  शुरू कर इस हेतु  31 मई 2018 तक की समय सीमा प्रमोटर्स को प्रदान की गई थी वस्तुतः प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन हेतु प्रमोटर्स को पर्याप्त समय अवधि प्रदान करने के फलस्वरुप ऑन गोइंग प्रोजेक्ट्स के रजिस्ट्रेशन हेतु गुप्त निर्धारित समय अवधि में रेरा द्वारा वृद्धि नहीं की जा रही है.

संचालानय नगर तथा ग्राम निवेश छत्तीसगढ़ में विगत वर्षों में सभी रियल स्टेट प्रजोक्ट के अनुज्ञा संबंधी संकलित जानकारी से प्राधीकरण में संज्ञान में यह आया कि राज्य में अब भी बड़ी संख्या में ऑनगोईंग प्रोजेक्ट प्रेजेंटेशन रजिस्ट्रेशन हेतु शेष हैं.

अतः उपरोक्त परिस्थितियों को ध्यान में रखकर प्राधिकरण द्वारा  31 मई 2018 के पश्चात  30 जून 2018 तक की अवधि में रजिस्ट्रेशन हेतु संस्कृति प्रस्तुत ऑन गोइंग प्रोजेक्ट्स में निर्धारित  पंजीयन शुल्क के 50% राशि के बराबर शास्त्री निर्धारित की गई है जो न्यूनतम रु 10000 से कम नहीं होगी.