चंद्रकांत देवागंन,दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से पुलिस वालों की खाकी के दम पर दादागिरी देखने मिली है. जबकि यहीं से गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू भी आते हैं. लेकिन पुलिस वालों को इनका तनिक भी भय नहीं है. यही वजह है कि घर में घुसकर युवक को झूठे मामले में फंसा देने की धमकी देकर पैसे की मांग करते हैं. पैसे नहीं देने पर बहन के साथ बदसलूकी करते है और युवक की इतनी बेदम पिटाई करते हैं कि उसकी दोनों पैर टूट गई. ऐसा ही युवक ने तीन पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाया है. कुछ दोस्तों ने स्टेचर में रखकर युवक को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई.

पूरा मामला भिलाई के छावनी थाने का है. स्टेचर पर लेटा दिख रहा इस युवक का नाम अब्बास खान है. जो कैम्प 2 का रहने वाला है. पीड़ित युवक का आरोप है कि छावनी थाने तीन पुलिसकर्मियों ने घर में घुसकर उसकी बहन इश्वरी के साथ बदतमीजी करते हुए थप्पड़ जड़ दिया. अब्बास को पकड़कर पुलिस वाले पैसो की मांग कर रहे थे. पैसे न देने के कारण आरक्षकों ने बेरहमी से उसकी लाठी डंडों से पिटाई की. पुलिस वालों ने उसे इतना पीटा की उसका दोनों पैर टूट गया. जिससे अब वह चलने को तो दूर अच्छे से उठ बैठ भी नहीं पा रहा है. लेकिन पुलिस वालों को पीटने का यह अधिकार किसने दिया है ?

इन पुलिस वालों का मन इतने में नहीं भरा तो जब अब्बास दर्द से कराह रहा था, तो जले में नमक छिड़कने के लिए उसके पैरों पर खड़े हो गए और टांग तोड़ देने की बात कहने लगे. जबकि उसके टांग से टूट ही चुकी थी. पीड़ित अब्बास का आरोप है कि पुलिस वाले लगातार झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर 50 हजार रुपए की मांग की. डरा सहमा युवक 30 हजार पुलिस वालों को दे चुका था.  लेकिन जब 8 अक्टूबर को 20 हजार देने से युवक ने इंकार किया, तो छावनी थाने में पदस्थ आरक्षक विकास, जीत नारायण और निसार अहमद ने इस घटना को अंजाम दिया. बता दें कि युवक पहले मारपीट के मामले में गिरफ्तार भी हो चुका है.

अब घटना की शिकायत करने पीड़ित दोस्तों से साथ स्टेचर में लेटकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा. एसपी से मिलकर पीड़ित और परिजनों ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. मामले में पुलिस अधीक्षक प्रखर पांडे ने सज्ञान में लेते हुए जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है.