नई दिल्ली. भारत निर्वाचन आयोग 2100 राजनीतिक दलों पर बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है. निर्वाचन आयोग की तरफ से बुधवार को बताया गया कि उसने पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के खिलाफ नियमों की अहवेलना को लेकर व्यापक स्तर पर कार्रवाई शुरू की है.

आयोग का कहना है कि इन पार्टियों ने चंदे से जुड़ी रिपोर्ट नहीं सौंपने और नाम, मुख्यालय, पदाधिकारियों और पते में बदलाव के बारे में जानकारी नहीं देने समेत कई नियमों की अहवेलना की है. निर्वाचन आयोग ने एक बयान में कहा कि इस तरह के 66 राजनीतिक दलों ने जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत अनिवार्य चीजों का पालन किए बिना वित्त वर्ष 2020 के दौरान आयकर में छूट का दावा किया और 2,174 दलों ने चंदे से जुड़ी रिपोर्ट ही नहीं सौंपी है.

87 दलों का नाम हटेगा

आयोग ने यह भी बताया कि तीन पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के खिलाफ वित्तीय अनियमितता के मामले में कार्रवाई शुरू की गई है. साथ ही 87 दलों का नाम सूची से हटाया जाएगा. आयोग के मुताबिक, इनमें बड़ी संख्या में ऐसी पार्टियां भी है, जिन्होंने 2019 का चुनाव भी नहीं लड़ा है, बावजूद उन्होंने करोड़ों की टैक्स छूट हासिल की है.

ऐसे दलों की संख्या में 300 फीसदी का इजाफा

आयोग ने फिलहाल सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों से ऐसे राजनीतिक दलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक मौजूदा समय में देश में 2,796 रजिस्टर्ड गैर- मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल है. वर्ष 2001 के बाद में इनकी संख्या में तीन सौ फीसद का इजाफा हुआ है. वर्ष 2001 तक इनकी संख्या सिर्फ 694 थी. हालांकि आयोग ने राजनीतिक दलों के कामकाज में पारदर्शिता रखने के लिहाज से कुछ नियम भी बनाए है. इसके तहत सभी दलों को इससे जुड़ी जानकारी देना जरूरी होता है, जिसमें चुनावी चंदे की जानकारी भी शामिल होती है.

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