हेमंत शर्मा, इंदौर। ऑनलाइन ठगी से लोगों को बचाने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा बड़ा कदम उटाया गया है। लोन एप के माध्यम से होने वाली धोखाधड़ी के संबंध में इंदौर क्राइम ब्रांच पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। क्राइम ब्रांच को लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि लोन देने के लिए ठग मोबाइल फोन में एक एप्लीकेशन डाउनलोड करवाते और लोन देने के बाद लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं।

पुलिस के मुताबिक ठगों द्वारा ऑनलाइन फ्रॉड के नए-नए तरीके से आम जनता के साथ ठगी की जा रही है। वर्तमान में ठग द्वारा व्यक्ति को तत्काल लोन देने के नाम पर पहले व्यक्ति के मोबाइल पर एप डाउनलोड करवाते है। एप डाउनलोड हो जाने के बाद व्यक्ति के मोबाइल के कॉन्टैक्ट नंबर सहित सभी एक्सेस ठग के पास चले जाते है। ठग द्वारा व्यक्ति को 2 से 4 हजार का लोन बहुत कम अवधि के लिए देने का हवाला दिया जाता है। पीडि़त व्यक्ति द्वारा लोन को चुकाने के बाद ठगों द्वारा पर्सनल कॉन्टैक्ट नंबर पर व्यक्ति के परिचितों को कॉल कर अपशब्द कहना, अश्लील बातें कर व्यक्ति को और पैसे डालने के लिए धमकी दी जाती थी, कि अगर पैसे नहीं डाले तो तुम्हारे सभी रिश्तेदारों को परेशान करने की बात करते है। व्यक्ति अपनी इमेज खराब न हो इसलिए ठग द्वारा मांगे रुपए दे देता था परंतु ठग फिर वही तरीका अपनाकर पुन: ठगी करता था या करता है। इस तरह की ठगी से बचने के लिए सतर्क करने और जरूरी ऐहतियात बरतने पुलिस प्रशासन ने निम्न बातें कही है।

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0-किसी भी अनजान व्यक्ति या संस्था से लोन प्राप्त करने के लिए फर्जी एप को अपने मोबाइल में डाउनलोड ना करें।
0-लोन अधिकृत बैंक/संस्था आदि से व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर प्राप्त करें।
0-लोन के लिए किसी भी अज्ञात व्यक्ति को ऑनलाइन अपने निजी दस्तावेज साझा ना करें।
0-लोन प्रोसेसिंग फीस की मांग पर किसी भी खाते/वालेट में राशि जमा नहीं करें।
0-कम ब्याज दर पर लोन देने के लिए लोक लुभावन विज्ञापनों पर भरोसा न करे।
ऐसे किसी भी प्रकार के ऑनलाइन फ्रॉड होंने पर तत्काल क्राइम ब्रांच इंदौर पुलिस द्वारा संचालित साइबर हेल्पलाइन नंबर 704912-4445 पर कॉल कर सूचित करे।

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