काबुल। अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद हालात बिगड़ते जा रहे हैं. हालात यह हो गए हैं कि दहशत में लोग काबुल छोड़कर भाग रहे हैं. काबुल में लगातार आंतकी हमले हो रहे हैं. अब काबुल एयरपोर्ट पर हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (ISIS) ने ली है. आत्मघाती हमले में अब तक 169 अफगानी और 13 अमेरिकी सैनिकों मारे जा चुके हैं.

अमेरिका ने कहा कि काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) की तरफ कम से कम पांच रॉकेट दागे गए थे. लेकिन इन रॉकेट्स के अपने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने उन्हें इंटरसेप्ट कर लिया था. अमेरिका ने साफ कर दिया है कि रॉकेट हमलों के बावजूद नागरिकों को निकालने का ऑपरेशन जारी रहेगा.

सोमवार को आतंकवादियों द्वारा दागे गए रॉकेट काबुल हवाई अड्डे के करीब गिरे थे. इस हमले का असर अमेरिकी सेना के मालवाहक विमानों सी-17 की उड़ानों पर नहीं पड़ा, जो हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लोगों को निकालने का काम कर रहे हैं. आतंकवादी सगंठन इस्लामिक स्टेट ने गुरुवार को हवाई अड्डे के एक एंट्री गेट पर आत्मघाती हमला किया था. जिसमें 169 अफगानों और 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई थी.

बता दें कि आईएसआईस-के मध्य एशिया में इस्लामिक स्टेट का सहयोगी है. 2014 में इस्लामिक स्टेट के लड़ाके पूरे सीरिया और इराक में फैल गए जिसके कुछ महीने बाद 2015 में आईएसआईएस-के की स्थापना हुई. इस संगठन में ‘खुरासान’ दरअसल अफगानिस्तान का एक प्रांत है, जो अफगानिस्तान, ईरान और मध्य एशिया के ज्यादातर हिस्से कवर करता है. इसे ISK या ISIS-K के नाम से भी जाना जाता है.

read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus