रायपुर. भले ही छुकछुकिया गाड़ी आप हम सबके लिए बीते दिनों की बात हो गई हो. मगर आज भी इसका ऐतिहासिक महत्व कम नहीं है. रेलवे विभाग छुकछुकिया रेल परिचालन से जुड़ी साधनों-संसाधनों का संरक्षण में जुटी हुई है. हाँ केंद्री से धमतरी तक आज पर्यंत छुकछुकिया चलते हुए आप देख सकते हैं. आपको पुराने दिनों की यादें ताज़ी करनी हो तो आप कभी जाकर सफ़र भी कर सकते हैं. आखिर ये छुकछुकिया रेल चलती कैसे है…? छुकछुकिया ट्रेन के चालन-परिचालन कैसे होता है…? तमाम बातें समझने इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और स्कॉटलैंड के विदेशी पर्यटक इन दिनों छत्तीसगढ़ आये हुए हैं.

इंग्लैंड से पीटर जोर्डन, राबिन स्पैन्सर, निगेल ईकाक और ऑस्ट्रेलिया से केथ हास्किंग्स, रॉबर्ट, ऐलन व स्कॉटलैंड से किश छत्तीसगढ़ के कई जगहों पर छोटी रेल लाइन के कामकाज का अवलोकन करने आये हैं. इन विदेशी पर्यटकों ने केंद्री, धमतरी, राजिम, अभनपुर लोकोशेड का भ्रमण किया. रायपुर रेल मंडल ने वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर के कार्यालय में नैरोगेज रेल, स्लीपर, फिटिंग की सेटिंग्स और कई बातों की जानकारी दी.

इन पर्यटकों ने छुकछुकिया गाड़ी की परिचालन देख काफी प्रभावित हुए. विदेशी पर्यटकों ने कहा कि छुकछुकिया रेल परिचालन के साधन-संसाधन का हैरिटेज टूरिस्ट के रूप में इसका उपयोग और डेवलपमेंट काफी लाभदायक रहेगा. विदेशी पर्यटकों को जानकारी देने के लिए रायपुर रेल मंडल के यातायात निरीक्षक नागेश एवं वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर मौजूद रहे. पर्यटकों ने रेलवे अधिकारियों-कर्मचारियों के व्यवहार की भी जमकर प्रशंसा की.