पेट्रोल डीजल की बढ़ती महंगाई और बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगो का रुझान अब इलेक्ट्रिक कार की ओर बढ़ रहा है. सरकार भी ईवी को बढ़ावा दे रही है, इसके चलते ये अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाले समय 2026 तक देश में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल होंगे.

3 लाख करोड़ का होगा कारोबार

रिपोर्ट के मुताबिक 2026 तक ईवी से 3 लाख करोड़ के कारोबार के अवसर पैदा होंगे. इनमें मैन्युफैक्चर्स के लिए 1.5 लाख करोड़, फाइनेंस के लिए 90,000 हजार करोड़, इंश्योरेंस के लिए 11,000 हजार करोड़ और शेयर के लिए 40 हजार करोड़ के कारोबार होंगे.

ईवी की ब्रिकी में तेजी का अनुमान

रेंटिंग एजेंसी क्रिसिल ने यह अनुमान लगाया है कि 143 पेट्रोल डीजल कार बिकने पर एक इलेक्ट्रिक कार और 53 टू-व्हीलर पर एक ईवी टू-व्हीलर की ब्रिकी होती है. 2026 तक देश में बिकने वाले हर 20 में से एक कार और हर सातवां टू-व्हीलर ईवी होगा.

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इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड इन शहरों में ज्यादा

बैंगलुरु, पुणे, दिल्ली, जयपुर और सूरत में इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड बहुत ज्यादा है इसके अलावा बड़े शहर ही नहीं बल्कि छोटे शहरों की संख्या भी बढ़ रही है. 2020-21 में इलेक्ट्रिक कारों की ब्रिकी में टॉप-10 शहरों को छोड़ कर छोटे शहरों की हिस्सेदारी 40 से 45 फीसदी थी जो 2021-22 में 70 से 75 फीसदी हो गई.

कई कंपनियां इलेक्ट्रिकल व्हीकल उतारनें की तैयारी में

भारत में Electric Vehicle बनाने वाली कंपनियां इस क्षेत्र में लगातार निवेश कर रही है. टाटा मोटर्स, महिंद्रा, हुंडई ने ईवी वाहनों को बनाने में तेजी पकड़ी है. वही जापान की Honda Motor एक के बाद एक कई इलेक्ट्रिक गाड़ियां लेकर आने वाली है. कंपनी ने इसे लेकर अपना फ्यूचर प्लान शेयर किया है.

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