पी. रंजन दास, बीजापुर। आदिवासियों की आस्था और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप देवगुड़ियों के संरक्षण को लेकर शुरू की गई मुहिम दक्षिण बस्तर के अंदरूनी इलाकों में मुकम्मल होती नजर नहीं आ रही है. शासन की इस महत्वकांक्षी योजना को सरकारी मुलाजिम ही पलीता लगाने पर उतारू हैं. पामेड़ अभ्यारण्य के धरमारम रेंज के कंवरगट्टा के बाद अब भट्टीगुड़ा में देवगुड़ी निर्माण हेतु स्वीकृत राशि गबन का एक और मामला प्रकाश में आया है.

ग्राम पंचायत कोंडापल्ली की तरफ से विभाग को लिखित शिकायत से पामेड़ अभ्यारण्य में एक के बाद एक भ्रष्टाचार की परतें बाहर आ रही हैं. एक दिन पहले ही लल्लूराम डॉट कॉम ने धरमारम परिक्षेत्र के कंवरगट्टा में देवगुड़ी निर्माण की आड़ में 10 लाख 29 हजार 991 रूपए गबन का मामला उजागर किया था. भ्रष्टाचार का सिलसिला यही नहीं थमा है, बल्कि धरमारम परिक्षेत्र के परिक्षेत्र अधिकारी विनोद तिवारी पर अब कक्ष क्रमांक 848 भट्टीगुड़ा में देवगुड़ी निर्माण कराए बिना राशि आहरण का आरोप लगा है.

सूचना के अधिकारी से हाथ लगे दस्तावेज में कवरगट्टा की तर्ज पर भट्टीगुड़ा में भी देवगुड़ी निर्माण के लिए 9 लाख 89 हजार 266 रुपए खर्च दर्शाया गया है, जिसमें 7 लाख 11 हजार 465 निर्माण सामग्री के अलावा 2 लाख 77 हजार 801 रुपए श्रमिक भुगतान शामिल है. लेकिन गुड़ी बनी तो कहां बनी? इस सवाल को लेकर ही पंचायत मुखर है.

गौरतलब है कि देवगुड़ी ग्रामीणों की आस्था और सांस्कृतिक धरोहर है. अंचल के हर गांव में एक देवगुड़ी है, हर गांव की एक विशिष्ट देवी या देवता हैं. गांव के पुजारी यहां हर खास मौके पर अनुष्ठान करते हैं. लिहाजा इनका संरक्षण करने का बीड़ा उठाते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप पक्के देवगुड़ियों का निर्माण कराया जा रहा है. देवगुड़ी में पेयजल, बिजली, सोलर लाइट, हाईमास्ट, गार्डन आदि व्यवस्थित तरीके से बनाए जाने हैं, लेकिन धरमारम परिक्षेत्र में मुख्यमंत्री की मंशा को ही परिक्षेत्र अधिकारी समेत अन्य वन्य कर्मियों ने ठेंगा दिखा दिया.

उपनिदेशक आईटीआर को लिखित शिकायत में ग्रामीणों ने इसे आस्था पर चोट बताया है. और तो और मस्टररोल में मर चुके ग्रामीणों के नाम भी शामिल किए जाने का संगीन आरोप लगाया है. शिकायत पत्र में तत्कालीन परिक्षेत्र अधिकारी विनोद तिवारी के कार्यकाल में धरमारम परिक्षेत्र में जितने कार्य हुए हैं, सभी की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है. मामले की शिकायत ना सिर्फ आईटीआर के उपनिदेशक से की गई है, बल्कि क्षेत्रीय विधायक विक्रम मंडावी को भी शिकायत कर संज्ञान लेते कार्रवाई की मांग की गई है.