पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद : एक पीड़ित परिवार जिस काम के लिए कई साल से भटक रहा था, वह आज कलेक्टर के निर्देश पर एक दिन में हो गया. परिवार ने जहां राहत की सांस ली है, वहीं कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर की संवेदनशीलता की भी जमकर तारीफ हो रही है.

बिना आधार बेबस परिवार, सरकारी दस्तावेज बिंदिया की जिंदगी पर भारी…

दरअसल, अज्ञात बीमारी से जूझ रही मैनपुर विकासखंड के भरुवामुड़ा की 8 वर्षीय बिंदिया का आधारकार्ड बनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. अधिकारियों ने एक सप्ताह के भीतर आधारकार्ड पीड़ित परिवार तक पहुंचाने का दावा किया है. आधारकार्ड नहीं होने के कारण बिंदिया का इलाज नहीं हो पा रहा था. वह जन्म से ही अज्ञात बीमारी से जूझ रही है और तब से बिस्तर पर है. वह ना चल फिर सकती है और ना ही बोल सकती है.

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LALLURAM.COM ने एक दिन पहले ही इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने मामले को गंभीरता से लिया और सम्बंधित विभाग को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए. कलेक्टर के निर्देश पर आज ई-डिस्ट्रिक की टीम पीड़ित के घर गई और आधारकार्ड बनाने का ऑनलाइन प्रोसेस शुरू किया.

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ई-डिस्ट्रिक मैनेजर मिथलेश देवांगन ने बताया कि प्रकरण को स्पेशल केस में लिया गया है. एक सप्ताह के भीतर आधारकार्ड बनकर परिजनों तक पहुंचा दिया जाएगा. इस पूरे प्रकरण में स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की घोर उदासीनता से इंकार नहीं किया जा सकता.

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इनके द्वारा प्रकरण की जानकारी जिले के सम्बंधित विभाग को दी गई होती या फिर पीड़ित परिवार को ऐसा करने का सुझाव दिया होता तो शायद अबतक मासूम का इलाज हो गया होता और उसे बिस्तर पर लेटने को मजबूर नहीं होना पड़ता. हालाकिं अब कलेक्टर की दखलंदाजी के बाद परिवार को बिंदिया के बेहतर इलाज की एक बार फिर उम्मीद जगी है. कलेक्टर की इस संवेदनशीलता की भी जमकर तारीफ हो रही है.

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