मुंगेली. एक बार फिर जिला अस्पताल की लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां समुचित इलाज और ड्यूटी पर कोई जिम्मेदार डॉक्टर नहीं होने से सड़क दुर्घटना में घायल युवक ने परिजनों के सामने तड़प तड़प दम तोड़ दिया.

मामला मुंगेली रायपुर मुख्य मार्ग का है, जहां मजदूरी कर के अपने परिवार को पालन करने वाला ग्राम चकरभाठा निवासी हीरा जायसवाल अपना काम खत्म कर गांव जाने निकला था, कि रायपुर मुंगेली मुख्यमार्ग में भारी वाहन की चपेट में आने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया. जबकि युवक को ठोकर मारकर वाहन चालक वाहन सहित फरार हो.

वही इस घटना की सूचना प्रत्यक्षदर्शियों ने थाना सिटी कोतवाली को दिया. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने संजीवनी 108 को फोन कर घटना की जानकारी दी, लेकिन एम्बुलेंस काफी देर के बाद भी घटनास्थल पर नहीं पहुंचा. जिसके बाद पुलिस जवानों ने घायल युवक को जिला अस्पताल पहुंचाया, साथ ही परिजनों को भी सूचना दी.

इस बीच घायल युवक करीब 3 घण्टे तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ता रहा, लेकिन करोड़ो की लागत से बने जिला अस्पताल में संवेदनसिलता ने कही किसी कोने में दम तोड़ दिया था. यही वजह है कि घण्टो दर्द से तड़पते घायल युवक को ना तो एम्बुलेंस मिल पाया और ना ही अस्पताल पहुंचने के बाद ऑक्सीजन मिल पाया और ना ही किसी जिम्मेदार डॉक्टर का ईलाज.

वहीं घायल के परिजन अस्पताल में उपस्थित स्टाफ से युवक की इलाज करने डॉक्टरों को बुलाने बार बार मिन्नते करते रहे, लेकिन किसी ने भी उनकी गुहार को गंभीरता से नहीं लिया और घायल युवक ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया.

युवक की मौत की जानकारी लगते ही ग्रामीण आक्रोशित हो गये. सैकड़ो ग्रामीणों ने रायपुर-मुंगेली मुख्यमार्ग चक्काजाम कर दिया और शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान प्रदर्शनकारी दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाई करते हुए मृतक के परिजनों को मुआवजा दिलाये जाने की मांग कर रहे थे.

इस बीच जिला पंचायत सदस्य कांग्रेसी नेता लोकराम साहू,एजाज खोखर,कांग्रेस सेवादल के जिलाध्यक्ष दिलीप बंजारा सहित कई कांग्रेसी भी ग्रामीणों की मांग का समर्थन करते हुए अधिकारियों से दोषियों के खिलाफ कार्यवाही सहित जिले अस्पताल की अव्यवस्था को सुधारने की मांग की.

ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए मौके पर भारी तादात में पुलिस बल तैनात किया गया. मौके पर पहुंचे एसडीएम और तहसीलदार सहित पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों भी मौके पर पहुंच गये और उन्होंने ग्रामीणों को समझाइश देते हुए दोषियों डॉक्टरों के खिलाफ लिखित में उचित कार्रवाई किये जाने का आश्वासन दिया, साथ मृतक के परिजनों को 25 हजार रुपये की मुआवजा राशि मुहैया कराई गई जिसके बाद ग्रामीणों ने चक्काजाम समाप्त कर दिया.