केरल। देश में ऐसे कई मंदिर हैं जहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित है. लेकिन पिछले कुछ सालों में महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश को लेकर एक लंबी लड़ाई लड़ी जिसके चलते कई मंदिरों में अब महिलाओं को प्रवेश मिल गया है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला माला मंदिर में भी महिलाओं के प्रवेश को अनुमति दे दी गई. मंदिरों में तो प्रवेश की इजाज़त महिलाओं को मिल गई है लेकिन मस्जिद में नमाज अदा करने की इजाज़त महिलाओं को अभी भी नहीं हैं. एेसे में मुस्लिम महिलाओं को उनका हक दिलाने केरल उच्च न्यायालय में एक हिंदूवादी संगठन ने बुधवार को जनहित याचिका दायर कर अनुरोध किया.

याचिकाकर्ता ने कहा कि महिलाओं को मस्जिदों में मुख्य उपासना सभागार में प्रवेश और नमाज नहीं पढ़ने देने से उनके साथ भेदभाव किया जाता है. यह याचिका दायर की है स्वामी देथात्रेय साई स्वरुप नाथ ने. वह अखिल भारत हिंदू महासभा की केरल इकाई के अध्यक्ष हैं.

गौरतलब है कि बीते दिनों केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था और मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को हरी झंडी दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि महिलाओं को मंदिर में प्रवेश से रोकना समता के अधिकार और उनकी धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है. अब यह देखना होगा कि इस याचिका पर कोर्ट किस तरह का फैसला लेती है. मुस्लिम समुदाय इस पर कैसी प्रतिक्रिया देता है यह देखना दिलचस्प होगा.