रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज उनके निवास कार्यालय में कैबिनेट की बैठक हुई. इसमें प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान योजना के कम्पोनेन्ट-सी अंतर्गत कृषि फीडरों को सौर ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जीकृत करने 810 मेगावॉट (डीसी)/ 675 मेगावॉट (एसी) क्षमता के सोलर पॉवर प्लांट लगाने विभागीय प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया.

कृषि पंपों का सोलराइजेशन किए जाने से कृषकों को कृषि पंपों के संचालन के लिए वर्तमान में प्राप्त हो रही बिजली के अतिरिक्त सौर ऊर्जा भी प्राप्त होगी. अतः सौर ऊर्जा की उपलब्धता के समय कृषि पम्पों का संचालन सोलर ऊर्जा से होगा तथा सोलर ऊर्जा उपलब्ध नहीं होने पर वर्तमान में मिल रही बिजली मिलती रहेगी, जिससे कृषि पम्प का संचालन होगा. वर्तमान में प्रदेश में 577 कृषि फीडर हैं, जिस पर 1,75,028 कृषि पंप स्थापित हैं. कृषि पंपों का सोलराइजेशन किए जाने से कृषकों को कृषि पंपों के संचालन के लिए वर्तमान में प्राप्त हो रही बिजली के अतिरिक्त सौर ऊर्जा भी प्राप्त होगी.

योजनांतर्गत उक्त 577 फीडरों को सोलराइज करने 810 मेगावॉट डीसी (675 मेगावॉट एसी) क्षमता के सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना शासकीय भूमि एवं कृषि भूमि पर की जाएगी. इसके लिए कृषकांे की कृषि भूमि को कृषकों की सहमति से 25 वर्षों की लीज पर लिया जाएगा, इसके लिए कृषकों को प्रतिवर्ष 30,000 रुपए प्रति एकड़ के मान से भुगतान किया जाएगा. साथ ही उक्त लीज की राशि में प्रतिवर्ष 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी.