भोपाल। तीनों कृषि कानून के वापस होने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आंदोलन के दौरान देश भर में किसानों पर दर्ज मुक़दमे भी वापस लेना चाहिए. अगर यह फैसला केंद्र पहले ले लेती, तो 600 से अधिक किसानों की मौत नहीं होती. लेकिन सरकार अपने अहंकारी और अड़ियल रवैया पर अड़ी रही.

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि पिछले वर्ष सितंबर महीने में संसद में पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में 1 वर्ष से अधिक समय से देश भर के लाखों किसान सड़कों पर आंदोलन कर रहे थे. सरकार से इन क़ानूनों को वापस लेने की गुहार लगा रहे थे. बारिश, ठंड और भरी गर्मी में भी वह इस कानूनों के विरोध में सड़कों पर डटे रहे.

इस आंदोलन के दौरान 600 से अधिक किसानों की मौत हो गई. किसानों को इस विरोध प्रदर्शन के दौरान जमकर प्रताड़ना भी झेलनी पड़ी. कई-कई राते सड़कों पर गुजारनी पड़ी. उन्हें तरह-तरह की उलाहना भी सहना पड़ी. कभी उन्हें आतंकवादी, कभी देशद्रोही, कभी दलाल, कभी अन्य नामों से संबोधन किया गया, लेकिन किसान टस से मस नहीं हुए.

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कांग्रेस ने भी किसानों के इस आंदोलन का खुलकर समर्थन किया. खुलकर उनके समर्थन में लड़ाई लड़ी और आखिर 1 वर्ष बाद ऐतिहासिक दिन गुरु नानक के प्रकाश पर्व के दिन मोदी सरकार ने इन काले कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है. उसका हम स्वागत करते हैं.

यदि यह निर्णय पूर्व में ही ले लिया जाता, सरकार अपना अहंकारी और अड़ियल रवैया पूर्व में ही छोड़ देती, तो कई किसानों की जान बचाई जा सकती थी. किसान जो सड़कों पर 1 वर्ष से अधिक समय तक डटे रहे, उन्हें तरह-तरह की परेशानियां और प्रताड़ना झेलनी पड़ी. उस से बचा जा सकता था.

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जिन किसानों को भाजपा के लोग इन कृषि कानूनों के विरोध करने के कारण कभी कांग्रेस समर्थक, कभी देशद्रोही, दलाल, आतंकवादी तक कहते थे, यह उन लोगों की हार है और यह न्याय व सच्चाई की जीत है. किसानों के कड़े संघर्ष की जीत है. जिसने एक अहंकारी व जिद्दी सरकार को झुका दिया.

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि जनता यदि इसी प्रकार भाजपा को चुनावों में सबक़ सिखाती रही तो उसकी इसी प्रकार जीत होती रहेगी. अब मोदी सरकार को कृषि कानून के विरोध में चल रहे आंदोलन के दौरान देश भर में किसानों पर दर्ज मुक़दमे भी वापस लेना चाहिये.

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बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी अपने संबोधन ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए और देशवासियों से यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है. ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है. आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानून को वापस लेने का फैसला किया है.

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