सुप्रिया पांडेय, रायपुर। कोरोना संक्रमितों ने अब अगर लापरवाही बरती तो उन पर एफआईआर भी दर्ज किया जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि बहुत से मरीज पॉजिटिव आने के बाद अपना मोबाइल नंबर बंद कर देते हैं. वहीं कुछ मरीज ऐसे भी है, जिन्होंने जिला प्रशासन का नंबर ही ब्लॉक कर रखा है. ऐसे में जिला प्रशासन को मरीजों की पहचान करने में दिक्कत हो रही है.

होम आइसोलेशन की नोडल अधिकारी डॉ. अंजली शर्मा बताती हैं कि रायपुर में ज्यादातर मरीज एसिम्टोमैटिक मिल रहे है. जिसकी वजह से मरीजों को होम आइसोलेशन की सुविधाएं दी जा रही है. लेकिन ऐसा देखा जा रहा है कि लोग अपना नंबर या तो गलत देते हैं, या फिर नंबर ब्लॉक कर देते हैं. ऐसे लोगों से कहना है कि फोन उठाएं और सही नंबर दें. उन्हें केवल 17 दिन तक होम आइसोलेशन में रहना होगा.

डॉ. शर्मा ने कहा कि अब ऐसे मरीजों पर एफआइआर भी दर्ज किया जा सकता है, क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर भी लापरवाही की वजह से ही फैली थी. आम जनता यदि सही नंबर नहीं प्रदान करेगी तो हम उनको ट्रेस कर उन पर एफआईआर दर्ज करेंगे.

डॉ. अंजली शर्मा ने आगे कहा कि यदि कोई व्यक्ति एक बार किसी भी टेस्ट किट से अपनी जांच कराता है तो उसे दोबारा जांच नहीं कराना चाहिए. जिसकी रिपोर्ट एंटीजन टेस्ट किट में एक बार पॉजिटिव आई तो उसकी रिपोर्ट आरटीपीसीआर में भी पॉजिटिव ही बताई जाएगी. अभी भी एपेडमिक एक्ट लागू है, जिसके तहत हम एफआईआर भी दर्ज कर सकते है.