वृंदावन के कथावाचक अनिरुद्दाचार्य लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर दिए अपने एक बयान के कारण विवादों में घिर गए हैं. उन्होंने अपनी एक सभा में कहा था, ‘लोग फिर जल्दी शादियां करना शुरू कर देंगे. क्योंकि अब लड़कियां लाते हैं 25 साल की, 25 साल की लड़की चार जगह मुंह मार चुकी होती है.’ उनके इस बयान की काफी आलोचना हो रही है.
कांग्रेस महिला मोर्चा की अध्यक्ष अलका लांबा ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ‘अगर मैं होती और मेरे बस में होता, तो अनिरुद्दाचार्य के मुंह पर कालिख पोत देती. अब ऐसे बहुत लोग आएंगे और बोलेंगे देखिए अलका लांबा ने हमारे गुरु जी, कथावाचक को ऐसे बोल दिया. मैं ऐसे लोगों से कहना चाहती हूं कि आपको गुस्सा अनिरुद्धाचार्य के बयान पर होना चाहिए मेरे ऊपर नहीं.’
अनिरुद्धाचार्य ने अपनी टिप्पणी का किया बचाव
अनिरुद्धाचार्य ने लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाली लड़कियों को लेकर की गई अपनी टिप्पणी पर सफाई दी और माफी मांगी. उन्होंने शनिवार को अपनी एक सभा में आए लोगों से पूछा, ‘आप कैसी बहू चाहती हो जो लिव-इन में रहकर आई हो? क्या आपमें से कोई भी मां अपने बेटे के लिए लिव-इन में रहने वाली बहू चाहेगी? हमने कहा कि शादी से पहले लिव-इन में रहना गलत है तो लोगों ने मेरा विरोध किया, क्योंकि हमने सत्य बोला.’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं कभी नारी का अपमान नहीं कर सकता. बहनें मेरा आधा अधूरा वीडियो सुनने के बार नाराज हैं. मेरा वायरल हुआ वीडियो AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से बनाया गया है. इस वीडियो में मेरे मूल विचारों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. मेरा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था. अगर किसी को हमारी बातों से दुख पहुंचा है तो मैं क्षमाप्रार्थी हूं.’
अनिरुद्धाचार्य बोले – कलियुग में आप सच नहीं कह सकते
अब इन्हीं आलोचनाओं के बीच कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने एक और विवादित बयान दे दिया है. एक कथा के दौरान लिव इन रिलेशनशिप को लेकर हो रहे बवाल पर अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि कलयुग में वैश्या को वैश्या नहीं कह सकते हैं. उन्होंने कहा कि कलियुग में आप वैश्या को वैश्या नहीं कह सकते हैं. हैं तो वैश्या, लेकिन खुद को सती सवित्री सुनना चाहती है.
उन्होंने एक कथा के दौरान कहा कि कलयुग में क्या नहीं है? कलयुग में सत्य नहीं. यदि कलयुग में सत्य बोलते हैं तो लोग आपका विरोध करने लग जाएंगे . कलयुग में आप किसी को कह दीजिए कि लिविन में रहना गलत है तो आपका विरोध हो जाएगा क्योंकि कलयुग में सत्य नहीं. आप सत्य नहीं बोल सकते. मैंने बोला तो सत्य कि आजकल कुछ लोग लिव इन में रह के गलत करते हैं तो उसका मेरा विरोध किया लोगों ने. बड़े-बड़े लोगों ने विरोध किया क्योंकि सत्य पसंद नहीं है. इनको झूठ पसंद है. यदि इनके लिए कह दिया जाए कि आप लिवन में रह रहे हैं. सही कर रहे हैं. अरे तो महाराज जी बहुत अच्छे हैं. आप तो हमारा सपोर्ट कर रहे हैं.
आप कैसी बहू चाहती हो? जो लिव इन में रह के आए?
उन्होंने कहा कि यदि हम कह दें कि नहीं जी लिव इन में रहना गलत है? आप लोग ही बताइए लिव इन में रहना सही है कि गलत है? आप कैसी बहू चाहती हो? जो लिव इन में रह के आए? क्या आप में से कोई भी मां अपने बेटे के लिए लिव इन में रहने वाली बहू चाहेगी? लेकिन आजकल हमने बोला कि लिव इन में रहना गलत है तो लोग विरोध हमारा कर रहे हैं, क्योंकि सत्य नहीं इस कलयुग में आप सत्य नहीं बोल सकते.
‘देवी वाली हरकत हो आपकी तो आपको देवी भी …’
अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि कलयुग में आप वैश्या को वैश्या नहीं कह सकते वो है तो वैश्या पर सुनना चाहती है कि मैं सती सावित्री हूं. घूमेगी अर्धनग्न पर सुनना चाहेगी कि हमें देवी कहो. देवी वाली हरकत हो आपकी तो आपको देवी भी कहा जाए. हमारे यहां तो नारी को देवी ही कहा गया है. पर किस नारी को? हमारे यहां सीता जैसी नारियां भी हैं. जिनको हम सब पूजते हैं. मंदिर में कोई भी मंदिर ऐसा नहीं है जहां सीता जी ना हो. यदि राम है तो ऐसा कोई भी मंदिर नहीं है जहां राधा ना हो. यदि कृष्ण है तो कोई भी शंकर जी हैं तो पार्वती ना हो. ऐसा हो नहीं सकता. नारायण है तो लक्ष्मी ना हो ऐसा हो नहीं सकता. हमारे यहां नारी की पूजा होती है. पर किस नारी की? जो सती है, पवित्र है, आचरण से, सदाचार से, व्यवहार से, पवित्र है, उस नारी की क्या होती है? पूजा. कथावाचक ने कहा कि लेकिन जो नारी सूर्पनखा जैसी है? क्या उस नारी की भी पूजा होगी?
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