अंबिकापुर। ऐसा लगता है कि सरगुजा मुख्यालय अंबिकापुर में प्राइवेट हॉस्पिटल डिलीवरी मामलों में ओपरेशन करने की होड़ में एक दूसरे को पीछे छोड़ने में लगे हैं. आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार अंबिकापुर में कुल 20 निजी नर्सिंग होम हैं जिनमे 10 अस्पतालों में जहाँ प्रसव सुविधा उपलब्ध नहीं है. प्रसव सुविधा उपलब्ध कराने वाले 10 प्राइवेट अस्पतालों में पिछले एक साल वर्ष २०१६ से २०१७ तक की मासिक रिपोर्ट में प्रसव संबंधी जानकारियां बेहद चौंकाने वाली हैं .

आरटीआई एक्टिविस्ट राजकुमार मिश्रा ने जो जानकारी आरटीआई से निकाली है उसके मुताबिक संभाग के सबसे चर्चित और बड़े अस्पताल होलीक्रास मिशन हॉस्पिटल जहाँ मरीजों और प्रसव के लिए आये गर्भवती महिलाओं की संख्या ज्यादा होती है, वहाँ पर जनवरी २०१७ में सिर्फ़ 126 सामान्य तरीके से प्रसव है तो ऑपरेशन से 114 है. मिश्रा का कहना है कि संकल्प हॉस्पिटल ने तो जनवरी महीने में सभी अस्पतालों को पीछे छोड़ एक नया ही रिकार्ड बना दिया है.

मिश्रा के मुताबिक इस अस्पताल में सिर्फ जनवरी २०१७ में सामान्य प्रसव जहाँ 41 हए हैं वहीं ऑपरेशन से एक माह में इन्होने 230 डिलीवरी करा दिए. यदि औसतन देखा जाये तो प्रत्येक दिन 7 से 8 ओपरेशन कर इन्होने ये रिकार्ड बनाया है .ऐसे में क्या माना जाए क्या ये महज़ इत्तेफाक है ?

मिश्रा का कहना है कि एनएचएम से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष २०१६ जनवरी से २०१७ जनवरी तक संस्थागत प्रसव  और ऑपरेशन सभी मामलों में शासकीय अस्पताल  इन प्राइवेट अस्पतालों से पीछे ही दिखाई पड़ता है. सिर्फ सामान्य प्रसव के मामले में ही शासकीय अस्पताल कुछ राहत देते नज़र आते हैं.

आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर में चिकित्सकों की इस मनमानी को देखने के बाद इस पर नियंत्रण के लिए उच्च न्यायालय जाने का मन बना लिया है . मिश्रा के मुताबिक़ सरगुजा आदिवासी बहुल इलाका है यहाँ पुरे संभाग कोरिया ,सूरजपुर ,बलरामपुर और जशपुर के लोग बेहतर सुविधा के लिए अंबिकापुर आते हैं. मिश्रा का आरोप है कि यहां के प्राइवेट अस्पताल पेट चीर कर बच्चे निकाल रहे हैं. ताकि मोटी कमाई हो सके.

देखिए आरटीआई एक्टिविस्ट के आरोप

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